एक-एक रुपये के लिए मोहताज हुए पाकिस्तान के आतंकी संगठन, भारत की कूटनीतिक जीत

पाकिस्तान को इस कार्रवाई पर मजबूर करने का श्रेय भारत की कूटनीति को माना जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक एफएटीएफ की संस्था एशिया पैसिफिक ग्रुप का नेतृत्व भारत कर रहा है और एपीजी ग्रुप की बैठक में भारत ने जमात-उद-दावा और फलाहे इंसानियत जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज करने की मांग की है जिसके आगे पाकिस्तान बेबस है. बता दें कि इन दोनों प्रतिबंधित संगठनों का संरक्षक हाजिफ सईद साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है.

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तंकवाद पर लगाम लगाने के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में पाकिस्तान कुछ महीनों के लिए ब्लैक लिस्ट होने से बच गया है. एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान को आतंकवाद और उसकी फंडिंग को लेकर और कड़े कदम उठाने के लिए चार महीने का वक्त दिया गया है और तब तो वो ग्रे लिस्ट में ही रहेगा.

अगर इन चार महीनों में पाकिस्तान आतंकवाद और आतंकी संगठनों की फंडिंग को लेकर कड़े कदम नहीं उठाता है तो चार महीने बाद फिर से होने वाली  एफएटीएफ की मीटिंग में उसे ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जा सकता है. ब्लैकलिस्ट में डाले जाने के बाद आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए दुनिया के किसी देश या फिर संस्था से कर्ज लेना बेहद मुश्किल हो जाएगा.

 

एफटीएफ की मीटिंग में पाकिस्तान ने आतंकवाद और उसकी फंडिंग रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान की संबंधित एजेंसियों ने करीब पांच हजार बैंक खातों को बंद कर उसमें मौजूद बड़ी धनराशि को  जब्त कर लिया है. दबाव में पाकिस्तान सरकार की तरफ से की गई इस कार्रवाई से वहां के आतंकी संगठन अब पाई-पाई के लिए मोहताज हो गए हैं.

 

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी एजेंसियों ने पांच हजार से ज्यादा बैंक खातों में मौजूद पैसे को जब्त कर खाते को बंद कर दिया है. अधिकारियों के अनुसार इन खातों में 20 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की धनराशि थी. सबसे ज्यादा सख्त कार्रवाई पंजाब प्रांत में की गई है जहां सबसे ज्यादा बैंक अकाउंट को बंद किया गया है. इतना ही नहीं पाकिस्तान की तरफ से ज्यादा से ज्यादा संदिग्ध लोगों को आतंकवाद विरोध कानून के तहत वहां चौथी अनुसूची में रखा गया है और सैकड़ों ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

पाकिस्तान को इस कार्रवाई पर मजबूर करने का श्रेय भारत की कूटनीति को माना जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक एफएटीएफ की संस्था एशिया पैसिफिक ग्रुप का नेतृत्व भारत कर रहा है और एपीजी ग्रुप की बैठक में भारत ने जमात-उद-दावा और फलाहे इंसानियत जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज करने की मांग की है जिसके आगे पाकिस्तान बेबस है. बता दें कि इन दोनों प्रतिबंधित संगठनों का संरक्षक हाजिफ सईद साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है.

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