भारत रत्न विवाद / सावरकर के पोते ने कहा- ओवैसी को मेरे दादा से ज्यादा धर्मनिरपेक्ष इंसान नहीं मिलेगा, इंदिरा गांधी भी उनकी समर्थक थीं

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वीर सावरकर को भाजपा का अनमोल रत्न बताया था उन्होंने सावरकर के टू नेशन थ्योरी (बंटवारे) और तानाशाह हिटलर समर्थक होने जैसे 8 दावे किए थे

मुंबई. महाराष्ट्र चुनाव के लिए भाजपा के संकल्प पत्र में स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर) को भारत रत्न देने के वादे पर राजनीति गर्म है। दिग्विजय सिंह समेत कई कांग्रेस नेता सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता बता चुके हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी उन्हें टू नेशन थ्योरी (बंटवारे) और तानाशाह हिटलर का समर्थक करार दिया था। इस पर सावरकर के पोते रंजीत ने शुक्रवार को उन्हें जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ओवैसी उनके दादा से ज्यादा धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति नहीं खोज जाएंगे।

  • रंजीत ने न्यूज एजेंसी से कहा, ”ओवैसी (असदुद्दीन) को सावरकर की इस सोच का पालन करना चाहिए कि धर्म को अपने घर में रखें। जब बाहर निकलें तो आप हिंदू या मुसलमान नहीं हैं, भारतीय हैं। सावरकर चाहते थे कि जो भी संसद में प्रवेश करे वो जाति, धर्म, लिंग आदि को बाहर रखे। आप सावरकर से ज्यादा धर्मनिरपेक्ष इंसान नहीं खोज पाएंगे।”
  • ”इंदिरा गांधी ने सावरकर को सम्मानित किया था। मैं मानता हूं कि वे उनकी समर्थक थीं। इंदिरा पाकिस्तान को घुटनों पर लेकर आईं, सेना और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत किया, परमाणु परीक्षण तक कराया। यह सभी बातें नेहरू और गांधी की विचारधारा के उलट थीं।”

 

इंदिरा गांधी ने सावरकर के सम्मान में टिकट जारी किया था: मनमोहन 

इस विवाद में गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि अगर सावरकर नहीं होते तो हम 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को अंग्रेजों के नजरिए से देख रहे होते। वीर सावरकर ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने 1857 की क्रांति को पहले स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया था। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर के सम्मान में डाक टिकट जारी किया था। कांग्रेस उनके खिलाफ नहीं है। वे जीवनभर हिंदुत्ववादी विचार के समर्थक रहे हम उसका विरोध में हैं। इसके बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इंदिरा गांधी के द्वारा लिखा गया पत्र ट्विटर पर शेयर किया।

ओवैसी ने ट्वीट में सावरकर को लेकर 8 दावे किए थे

एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि सावरकर भाजपा के अनमोल रत्न हैं। अगर भाजपा उन्हें भारत रत्न देना चाहती है तो नाथूराम गोडसे को भी दे। ओवैसी ने 15 अक्टूबर को ट्वीट कर सावरकर पर 8 दावे किए थे। 1) महात्मा गांधी की हत्या के आरोप में जीवन लाल कमीशन द्वारा आरोपित। 2) दुष्कर्म की राजनीतिक हथियार के तौर पर वकालत की। 3) छत्रपति शिवाजी की आलोचना की। 4) खुद को अंग्रेजों का सबसे आज्ञाकारी सेवक कहा। 5) अंग्रेजों को जेल से छूटने के लिए 6 खत लिखे। 6) सर्वनाश के लिए हिटलर का समर्थन और यहूदियों को जिम्मेदार बताया। 7) मुस्लिम और गैर-हिंदुओं को राष्ट्रीय तानेबाने से बाहर रखा। 8) दो देशों के सिद्धांत का समर्थन किया।

कांग्रेस ने सावरकर को बापू की हत्या का साजिशकर्ता बताया था
कांग्रेस नेताओं ने सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या की साजिश रचने वाला करार दिया था। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सावरकर के जीवन के दो पहलू थे। पहला- आजादी के आंदोलन में शामिल होना और दूसरा- माफी मांगकर (कालापानी से) वापस आने पर उनका नाम बापू की हत्या के साजिशकर्ताओं में दर्ज होना। वहीं, मनीष तिवारी ने तंज कसा कि मोदी सरकार भारत रत्न सावरकर को नहीं, बल्कि गोडसे को दे। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा था- भारत रत्न दिए जाने में अगला नंबर गोडसे का ही है। सबूतों के अभाव में सावरकर गांधीजी की हत्या के मामले में रिहा हो गए थे।

 

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