अर्थव्यवस्था / राहुल गांधी ने कहा- ‘बेचेंद्र मोदी’ सरकारी उपक्रमों की सूट-बूट वाले मित्रों के साथ बंदरबांट कर रहे
सरकार ने पांच प्रमुख पीएसयू (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) में विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार ने भारत पेट्रोलियम, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर काॅर्पोरेशन, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड व टीएचडीसी इंडिया के शेयर बेचने की अनुमति दे दी है।
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया- सरकारी उपक्रमों के लाखों कर्मचारियों के लिए यह अनिश्चितता और भय का समय
- ‘मैं लूट के विरोध में उन सभी कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हूं’
- कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह बीपीसीएल को ‘चुपके से’ और संसद से प्रस्ताव पारित कराए बगैर बेचना चाहती है
नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा। राहुल ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री को बेचेंद्र (बेचने वाला) मोदी करार दिया। उन्होंने ट्वीट में एक कार्टून भी अटैच किया।
राहुल की टिप्पणी इस रिपोर्ट के बाद आई, जिसमें कहा गया था कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (बीपीसीएल) के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में कर्मचारी हड़ताल की योजना बना रहे हैं। पिछले हफ्ते कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह बीपीसीएल को ‘चुपके से’ और संसद से प्रस्ताव पारित कराए बगैर बेचना चाहती है। इस तरह की आर्थिक नीतियों का कोई मतलब नहीं है।
#BechendraModi देश के PSUs को सूट-बूट वाले मित्रों के साथ बंदर बाँट कर रहा है, जिसे देश ने वर्षों की मेहनत से खड़ा किया है।
ये लाखों PSU कर्मचारियों के लिए अनिश्चितता और भय का समय है ।मै इस लूट के विरोध में उन सभी कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हू। pic.twitter.com/701zJQJnsZ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 17, 2019
5 पीएसयू बेचने की तैयारी
सरकार ने पांच प्रमुख पीएसयू (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) में विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार ने भारत पेट्रोलियम, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर काॅर्पोरेशन, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड व टीएचडीसी इंडिया के शेयर बेचने की अनुमति दे दी है। विनिवेश के लिए सरकार ने डिपार्टमेंट ऑफ इंनवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (दीपम) बनाया है। सरकार सिर्फ घाटे में चल रही कंपनियों में विनिवेश नहीं कर रही। शुरुआती जिन पांच कंपनियों-बीपीसीएल, कॉनकोर, सीएसआई, नीपको और टीएचडीसी को विनिवेश के लिए चुना गया है, इनमें से तीन लाभ में चल रही हैं। अकेले बीपीसीएल का वर्ष 2018-19 का मुनाफा 7 हजार करोड़ रुपए से अधिक रहा है।
कितनी हिस्सेदारी बेची जा रही है?
पीएसयू | शेयर |
भारत पेट्रोलियम | 53.29% |
शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया | 63.75% |
कंटेनर कॉर्पोरेशन | 30.00% |
नॉर्थ ईस्टर्न इले. पावर कार्पो. लि. | 100% |
टीएचडीसी इंडिया | 75.00% |
सरकार को कितना पैसा मिलेगा
सिर्फ भारत पेट्रोलियम के शेयरों की बिक्री से ही 54,055 करोड़ रुपए मिलेंगे। कंटेनर कॉर्पोरेशन के शेयर की बिक्री से 11,051 करोड़ व शिपिंग कॉर्पोरेशन के शेयरों की बिक्री से लगभग 1282 करोड़ रुपए मिलेंगे। केंद्र सरकार ने मार्च 2020 तक विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य तय किया है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।