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सिब्बल बोले- पूछताछ करनी थी तो पांच सितंबर को कस्टडी में क्यों नहीं लिया
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ईडी, सीबीआई पिछले दो सालों से वही पुरानी दलीलें दे रहें हैं
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चिदंबरम का किसी विदेशी ख़ाते और किसी शेल कंपनी से ताल्लुक नहीं
नई दिल्ली: राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पी चिदंबरम को गुरुवार को फिर से झटका लगा. कोर्ट ने चिदंबरम को ईडी की कस्टडी में भेज दिया. चिदंबरम को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की सात दिन की हिरासत में 24 अक्टूबर तक के लिए भेज दिया गया. कोर्ट ने उनको घर का खाना उपलब्ध कराने, वेस्टर्न टॉयलेट और दवाइयों के इस्तेमाल की इजाजत दे दी. चिदंबरम को अलग सेल में रखा जाएगा. इससे पहले अदालत ने सीबीआई (CBI ) द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया मामले (INX Media Case) में कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) की न्यायिक हिरासत अवधि गुरुवार को बढ़ा दी.
विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में चिदंबरम की हिरासत बढ़ा दी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में भी सुनवाई हुई. निदेशालय ने चिदंबरम से पूछताछ के लिए 14 दिन की हिरासत मांगी है. पी चिदंबरम को कोर्ट में पेश करने के बाद सीबीआई ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 14 दिन बढ़ाने की मांग की. कोर्ट ने हिरासत बढ़ाने की मांग स्वीकार कर ली.
अदालत ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय की उस याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से 14 दिन के लिए हिरासत में पूछताछ की मांग की गई थी. अदालत ने बुधवार को आएएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में चिंदबरम के अदालत में हाजिर होने के लिए वारंट जारी किया था.
चिदंबरम के वकील सिब्बल के कोर्ट पहुंचने के बाद ईडी मामले में सुनवाई शुरू हुई. ईडी ने पी चिदंबरम की 14 दिन की रिमांड मांगी. ईडी की ओर से तुषार मेहता ने कहा कि हमने कल चिदंबरम को गिरफ़्तार कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि कस्टोडियल पूछताछ की जरूरत है. पहले भी पी चिदंबरम सहयोग करने को तैयार थे. ईडी के पास मनी लांड्रिंग के सुबूत हैं. पांच सितंबर को चिदंबरम ईडी की कस्टडी में जाने को तैयार थे. हमारे पास बहुत महत्तपूर्ण सुबूत हैं मेहता ने कहा कि हमने पांच सितंबर को कस्टडी इसलिए नहीं ली थी क्योंकि हमें कुछ लोगों के बयान लेने थे, जो अब पूरे हो गए हैं. हमें मनी लांड्रिंग के बहुत सारे नए सबूत मिले हैं.
कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कस्टोडियल पूछताछ की ज़रूरत है, तो इन्होंने तुरंत पांच सितंबर को कस्टडी क्यों नहीं ली. ईडी ने जब भी चिदंबरम को बुलाया है वे आए हैं. आख़िरी बार चिदंबरम ईडी के सामने आठ फरवरी 2019 को पेश हुए थे. पहले सीबीआई ने गिरफ़्तार किया फिर पुलिस कस्टडी और फिर न्यायिक हिरासत. जब 60 दिन पूरे होने वाले हैं तब ईडी कस्टडी मांग रहा है. ये चिदंबरम को जेल में रखना चाहते हैं.
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सिब्बल ने कहा कि ईडी, सीबीआई पिछले दो सालों से वही पुरानी दलीलें दे रहें हैं. मैं फिर कहता हूं कि किसी विदेशी ख़ाते और किसी शेल कंपनी से ताल्लुक नहीं है, जिसकी बाद ईडी कर रहा है. सीबीआई और ईडी की रिमांड याचिका हूबहू एक जैसी है. यह सब तो पांच सितंबर से पहले ही का है, नया क्या है आपके पास? अगर आपको वही पुरानी दलीलें देनी थीं तो आपने पहले चिदंबरम की कस्टडी क्यों नहीं ली? आपको सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने आदेश दिया गिरफ़्तारी का तो आपने तुरंत क्यों नहीं गिरफ़्तार किया? ये चिदंबरम को जानबूझकर परेशान करते हैं. चिदंबरम ने ईडी की हिरासत में घर का खाना देने, वेस्टर्न टॉयलेट और एयर कंडीशन की सुविधा देने के लिए याचिका दी.
तुषार मेहता ने कहा कि हमने नौ अक्टूबर को आख़िरी गवाह के बयान दर्ज़ कराए हैं. सुप्रीम कोर्ट को भी हमने बंद लिफाफे में सबूत दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने पैकेट खोलने से मना किया था. हमने अब तक 12 गवाहों के बयान दर्ज़ किए हैं.
कपिल सिब्बल ने कहा कि हम 14 दिन की ईडी कस्टडी का विरोध करते हैं.