दिल्ली में भोपाल जैसा हनी ट्रैप, विदेशी लड़कियों के शिकार बने रईसजादे

निशाना बनाने से पहले गैंग देखता था कि शिकार के पास पैसा कितना है. फिर गैंग टारगेट तय करता था. अपने जाल में फंसे लोगों से पैसा ऐंठने के लिए ये लोग पार्टी का डेबिट कार्ड मांगते थे. इसके लिए एक जगह तय होती थी, वहां पर पीड़ित पक्ष अपना डेबिट कार्ड छोड़ देता था, फिर गैंग को पासवर्ड बताया जाता था. पैसा निकालने के बाद पीड़ित पक्ष को कार्ड वापस कर दिया जाता था.

  • भोपाल की तर्ज पर दिल्ली में भी रहा है हनी ट्रैप
  • विदेशी महिलाओं ने मालदारों लोगों को फंसाया
  • दिल्ली/एनसीआर में सक्रिय हैं 5 ऐसे गैंग

नई दिल्ली। हाल ही में मध्य प्रदेश से आई हनी ट्रैप की खबरों ने सियासत से लेकर नौकरशाही और बिजनेस वर्ल्ड में सनसनी मचा दी थी. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में भी कई गैंग सक्रिय हैं जो इसी तर्ज पर अमीर बिजनैसमैन, बिल्डर, डॉक्टर्स, आर्किटेक्ट, ज्वैलर्स, वकील को निशाना बनाते हैं और करोड़ों रुपये ऐंठते हैं. ये खुलासा मेल टुडे की एक जांच में हुआ है. मेल टुडे ने दिल्ली-एनसीआर में चल रहे ऐसे पांच गैंग का खुलासा किया है.

जांच में पता चला है कि ये रैकेट सुंदर और आकर्षक विदेशी महिलाओं को हायर करते थे. ये महिलाएं अलग-अलग किरदार बनती थीं, जैसे कि कभी हाई वैल्यू प्रॉपर्टी खरीदार, कभी पेशेंट तो कभी मुकदमों से परेशान महिला. इसके बाद ये महिलाएं अमीर लोगों को निशाना बनाती थी.

लोगों को निशाना बनाने से पहले ये गैंग पहले इनकी वित्तीय हालत का पता करते थे, जब इन्हें पास मोटा पैसा होने का पता चल जाता तो फिर वे इन्हें टारगेट करते थे. अपने जाल में फंसे लोगों से पैसा ऐंठने के लिए ये लोग पार्टी का डेबिट कार्ड मांगते थे. इसके लिए एक जगह तय होती थी, वहां पर पीड़ित पक्ष अपना डेबिट कार्ड छोड़ देता था, फिर गैंग को पासवर्ड बताया जाता था. पैसा निकालने के बाद पीड़ित पक्ष को कार्ड वापस कर दिया जाता था.

मेल टुडे ने ऐसे पांच गैंग का खुलासा किया है.

1. जहांगीर गैंग

इस गैंग ने दिल्ली में लगभग एक दर्जन लोगों को अपना शिकार बनाया और 2 करोड़ रुपये ऐंठे. पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसने डॉक्टर, होटल मालिक, आर्किटेक्ट, बेकरी मालिक, एसी शोरूम के मालिक, तीन रियल स्टेट डेवलपर्स और एक ट्रेवल एजेंट को अपना निशाना बनाया था.

जहांगीर गैंग ने पश्चिम एशिया की एक 25 साल की एक महिला को अपने लिए काम करने को तैयार किया था. ये महिला एक डॉक्टर के पास पहुंची और उससे कथित तौर पर अपना इलाज करवाने लगी, एक दिन इलाज करवाने के बहाने महिला ने डॉक्टर को अपने घर बुला लिया. इस दौरान दोनों के बीच संबंध बन गए. महिला ने इस पूरे घटनाक्रम को रिकॉर्ड कर लिया था. दिल्ली पुलिस के स्पेशल के डीसीपी पी एस कुशवाह ने कहा कि कुछ दिन बाद डॉक्टर के मोबाइल पर एक क्लिप आया और उससे 20 लाख रुपये की मांग की गई, उस वक्त डॉक्टर ने कुछ रुपये तो दे दिया, लेकिन आखिरकार इस डॉक्टर ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने इस मामले में दक्षिण दिल्ली से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. लेकिन गैंग का सरगना जहांगीर उर्फ शेखू और डॉक्टर को ब्लैकमेल करने वाली महिला अभी भी फरार है.

2.मिट्ठू गैंग

हनी ट्रैप के इस गैंग की 7 महिलाओं को दिल्ली पुलिस ने अप्रैल में गिरफ्तार किया था. ये गैंग दक्षिण दिल्ली के एक ज्वैलर को ब्लैकमेल कर रहा था और उससे 10 लाख रुपये वसूल चुका था. इस गैंग से पुलिस और कोर्ट का मामला सुलझाने के लिए एक कानूनी सलाहकार भी नियुक्त कर रखा था. ये गैंग एक वेब पोर्टल से अमीर लोगों के वित्तीय लेन-देन की जानकारी लेता फिर उन्हें अपना निशाना बनाता.

3. परमिंदर गैंग

ये गैंग 20 से 30 साल की महिलाओं को भर्ती करता था. इसी साल मार्च में इसने 5 लोगों को अपने जाल में फांसा. इस गैंग से पीड़ित लोगों ने जब पुलिस में शिकायत की तो इसका भांडा फूटा.

4. रोहित गैंग

इस गैंग का खुलासा गुरुग्राम पुलिस ने किया था. पुलिस गैंग के सरगना रोहित और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार किया था. इस गैंग ने दिल्ली-एनसीआर में लगभग 3 दर्जन लोगों से 1.5 करोड़ रुपये ऐंठे थे. इस गैंग के शिकार एक शख्स ने कहा कि एक महिला से उसकी मुलाकात हुई थी. एक बार उसने उसे अपने घर पर बुलाया. यहां पर उसे नशे की दवाई ड्रिंक में मिलाकर दे दी गई. जब उसकी नींद खुली तो वो बिना कपड़ों के एक महिला के साथ था. गुरुग्राम पश्चिम के डीसीपी सुमेर सिंह ने कहा कि इस गैंग ने इससे 3 लाख रुपये मांगे. जब पीड़ित गैंग के लोगों को पैसा देने जा रहा था, तभी इसके गुर्गों को पुलिस ने पकड़ लिया.

5. मुकेश गैंग

ये गैंग रोहिणी और बाहरी दिल्ली के दूसरे इलाकों में सक्रिय है. सूत्रों ने बताया कि इस गैंग में महिलाओं समेत 20 लोग हैं, जो लोगों को फंसाने का काम करती थी. जब ये महिलाएं अपने शिकार के साथ होती थीं, इस दौरान धोखे से वीडियो बनाया जाता था. इसी दौरान गैंग के लोग छापा मारते थे और पीड़ित को रेप केस में फंसाने की धमकी देते थे. मुकेश और इस गैंग के लोग दिल्ली में 30 ऐसे केस में शामिल हैं.

30 अगस्त 2019 को पकड़ा था गैंग

दिल्ली में हनीट्रैप की एक चौंकाने वाली घटना गत सितंबर 2019 में सामने आई थी, जिसमें युवतियों ने व्यवसायी से दोस्ती कर उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल कर 10 लाख रुपये वसूल लिए। पुलिस ने गिरोह में शामिल सात युवतियों को गिरफ्तार कर लिया था। गिरोह बीते चार साल में 60 रसूखदार लोगों से 10 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली कर चुका है। आप भी अनजान युवतियों से दोस्ती करते समय सावधान रहें, अनजाने में कहीं ऐसे गिरोह के शिकार न बन जाएं।

पुलिस के अनुसार, सुमंत कुमार (परिवर्तित नाम) अपने परिवार के साथ खानपुर इलाके में रहते हैं। पीड़ित का ज्वेलरी का पुश्तैनी व्यवसाय है। पीड़ित ने मंगलवार रात पुलिस को शिकायत देकर बताया कि करीब तीन माह पहले उसकी मुलाकात एक पार्टी में डांस कर रही मोनी नाम की युवती से हुई। इसके बाद फोन पर दोनों की बातचीत होने लगी। मंगलवार को मोनी ने फोनकर सुमंत को रोहिणी सेक्टर 2 स्थित अपने घर बुलाया। दोनों मोनी के कमरे में आपत्तिजनक अवस्था में थे।

तभी कुछ युवक और युवती कमरे में आए, जिन्होंने उनकी फोटो खींचनी शुरू की। इनमें से एक युवती ने खुद को मोनी की बहन बताया। उन्होंने सुमंत पर युवती से शादी करने का दबाव बनाया। जब उसने मना किया तो पुलिस को सूचना देने की धमकी दी। इसके बाद मामला रुपये पर आकर टिक गया।

युवक से 30 लाख रुपये मांगे : शुरू में इन्होंने सुमंत से तीस लाख रुपये मांगे। पीड़ित ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई तो सौदा दस लाख रुपये में तय हो गया। इसके बाद सुमंत ने अपने पिता को फोन कर बताया कि उसका अपहरण हो गया है और अपहरणकर्ता 10 लाख की फिरौती मांग रहे हैं।

रुपये देने के बाद ही छोड़ा : देर रात करीब 12 बजे राजौरी गार्डन में पीड़ित के पिता ने गिरोह के सदस्यों को दस लाख रुपये दिए, तब जाकर सुमंत को छोड़ा गया। पीड़ित युवक सुमंत पुलिस के सामने इस मामले को लाने से हिचक रहा था, लेकिन उसके पिता ने इसे अपहरण का मामला समझ पुलिस को जानकारी दे दी।

साजिश में दो पुरुष भी शामिल : एसएचओ जगमिंदर सिंह के नेतृत्व में एसआई विकास और एसआई संजीव की टीम ने जांच की तो पता चला कि कुछ युवतियों ने सुमंत को हनीट्रैप में फंसाकर 10 लाख रुपये वसूल लिए हैं।

इस जानकारी पर पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस के जरिए बुधवार को सात युवतियों को गिरफ्तार कर लिया। अभी गिरोह में शामिल दो पुरुष और तीन युवतियां फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। हालांकि, बहुत से मामलों में तो पीड़ित लोकलाज के भय से पुलिस के सामने भी नहीं आए। इसी का ये लोग फायदा उठाती रहींं।

कई इलाकों में अपने ठिकाने बना रखे हैं

पुलिस की गिरफ्त में आईं ये युवतियां दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रहती हैं। इसकी वजह से इन पर किसी को शक नहीं होता था। आसपास के लोगों को ये सामान्य युवतियां लगती थीं।

जाल में फंसाया

19 मई: चाणक्यपुरी स्थित एक फाइव स्टार होटल से मर्चेंट नेवी के पूर्व कैप्टन और कंपीनी के सीईओ को हनीट्रैप कर फंसाकर अगवा किया, चार महिलाएं गिरफ्तार

14 अप्रैल : दक्षिण दिल्ली में डॉक्टर से हनीट्रैप कर लाखों वसूले, स्पेशल सेल ने महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया

9 जून 2017 : प्रशांत विहार में बिल्डर को फ्लैट दिखाने के बहाने बुलाया और हनीट्रैप में फंसाकर 18 लाख रुपये वसूले, पुलिस ने तीन युवतियों को गिरफ्तार किया

सावधान रहें

  • अनजान युवतियों से मिलते समय सावधान रहें
  • अपरिचित युवतियों से मेल मिलाप न करें और अपनी निजी जानकारी देने से बचें
  • कभी हनीट्रैप में फंसे तो सबसे पहले अपने परिवार के लोगों को इसकी जानकारी दें
  • ब्लैकमेल करने वालों की धमकियों की परवाह न कर पुलिस को जरूर शिकायत दें

गिरोह ने तीन महीने पहले साजिश रची

सुमंत को हनीट्रैप में फंसाने की पटकथा तीन माह पहले से लिखी गई थी, जब उसकी दोस्ती मोनी से हुई थी। दोनों के बीच ने पहले फेसबुक व फोन और इसके बाद मिलने जुलने का सिलसिला शुरू हो गया।

मोनी ने तय योजना के तहत सुमंत को मंगलवार शाम 6 बजे रोहिणी सेक्टर दो स्थित अपनी सहेली के किराए के फ्लैट पर बुलाया। सुमंत फ्लैट पर धीरे-धीरे सहज हो रहा था। इसी के बाद गिरोह ने पूरा खेल रचा।

बड़ी संख्या में अश्लील फोटो और वीडियो मिली : पुलिस को जांच के दौरान आरोपियों के कब्जे से सुमंत की आपत्तिजनक फोटो मिलीं। इसके अलावा बड़ी संख्या में कुछ पुरुषों के फोटो और वीडियो भी मिले हैं। पुलिस जल्द ही इन लोगों से संपर्क कर शिकायत देने के लिए कहेगी।

दो आरोपी भगोड़ा घोषित : इस मामले में गिरफ्तार काजोल और मोनी के खिलाफ हनीट्रैप के दो मामले वर्ष 2017 में प्रशांत विहार थाने में दर्ज हुए थे। उन्होंने एक व्यवसायी से 18 लाख और दूसरे व्यवसायी से 60 लाख रुपये वसूले थे। वे भगोड़ा घोषित की जा चुकी हैं। गिरोह की सदस्यों ने रोहिणी और प्रशांत विहार में अपने ठिकाने बना रखे थे। दरअसल, घनी आबादी और बड़ी संख्या में फ्लैट होने के कारण यहां पर आसानी से किराए पर फ्लैट मिल जाते हैं।

डांसर और बार गर्ल हैं

साउथ रोहिणी थाने द्वारा गिरफ्तार छह युवतियां अलग-अलग काम करती हैं। इसमें से तीन युवतियां पार्टी और अन्य उत्सवों में डांस करती हैं, जबकि तीन युवतियां बार गर्ल हैं। ये इन जगहों पर भी अपने शिकार तलाशती हैं। इनमें से दो युवतियां का तलाक हो चुका है, जबकि चार युवतियां दसवीं पास हैं। रोहिणी और प्रशांत विहार में ठिकाने बनाए

पार्टियों में शिकार तलाशती थीं

हनीट्रैप में फंसाने के लिए गिरोह में शामिल युवतियां पार्टियों, फेसबुक, सिनेमा हॉल आदि में शिकार तलाश करती थीं। इसके अलावा बिल्डरों से खुद मिलकर उन्हें किसी बहाने अपने फ्लैट पर बुलाती थीं, जहां उनकी आपत्तिजनक फोटो खींचकर ब्लैकमेल किया जाता था। पीड़ित को पता भी नहीं चलता था और वह दोस्ती या इनके प्यार के जाल में फंसता चला जाता था।गिरोह द्वारा जांच में फंसे व्यक्ति से मोटी रकम वसूल की जाती थी।

दो गिरोह मिलकर एक हो गए 

मामले की जांच से जुड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहले काजोल और मोनी नाम की युवतियां हनी ट्रैप में लोगों को फंसाने के लिए दो अलग-अलग गिरोह चलाती थीं। मगर दोनों ने अपना गिरोह कुछ समय पहले एक कर लिया। अब दोनों गिरोह एक साथ शिकार को तलाश करते हैं और फिर जो रकम मिलती थी, उसे आपस में बांट लेते हैं।

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