अयोध्या विवाद / सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का अंतिम दौर, चीफ जस्टिस ने कहा- मुस्लिम पक्षकार आज दलीलें पूरी करें

37वीं सुनवाई में अदालत ने सभी पक्षों को 17 अक्टूबर तक बहस खत्म करने का निर्देश दिया था। इससे पहले दलीलों के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी। कोर्ट ने अंतिम चरण की दलीलों के लिए कार्यक्रम निर्धारित करते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी करेंगे और इसके बाद हिंदू पक्षकारों को जवाब देने के लिए 16 अक्टूबर तक दो दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद करीब चार हफ्ते तक फैसला लिखा जाएगा।

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  • सोमवार को ही दलीलें पूरी करने पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा- यह संभव नहीं
  • धवन ने हिंदू पक्षकारों के साथ भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के बैठने पर आपत्ति जताई
  • मुस्लिम पक्ष की दलीलों पर जवाब देने के लिए हिंदू पक्ष को 2 दिन का समय मिलेगा

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में दशहरे की हफ्तेभर की छुट्टी के बाद अयोध्या भूमि विवाद मामले में सोमवार से अंतिम दौर में 38वें दिन सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन से आज ही दलीलें खत्म करने के लिए कहा। इस पर धवन ने कहा कि यह संभव नहीं हो पाएगा। वहीं, धवन ने भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के हिंदू पक्षकारों के साथ पहली कतार में बैठने पर आपत्ति भी जताई।

धवन ने कहा कि जब किसी अन्य को विजिटर गैलरी से आगे आने की अनुमति नहीं है तो इन्हें (स्वामी) क्यों आगे बैठने दिया जा रहा है। कोर्ट को अनुशासन बरकरार रखना चाहिए। इस पर सुब्रह्मण्यम स्वामी कुछ नहीं बोले। धवन ने कहा कि किसी एक को जब विशेष छूट मिलती है तो अन्य लोग इसका फायदा उठाते है। उधर, फैजाबाद के डीएम अनुज कुमार झा ने सुरक्षा के मद्देनजर अयोध्या में 10 दिसंबर तक धारा 144 लागू कर दी है।

कोर्ट ने 17 अक्टूबर तक बहस खत्म करने का निर्देश दिया था

37वीं सुनवाई में अदालत ने सभी पक्षों को 17 अक्टूबर तक बहस खत्म करने का निर्देश दिया था। इससे पहले दलीलों के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी। कोर्ट ने अंतिम चरण की दलीलों के लिए कार्यक्रम निर्धारित करते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी करेंगे और इसके बाद हिंदू पक्षकारों को जवाब देने के लिए 16 अक्टूबर तक दो दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद करीब चार हफ्ते तक फैसला लिखा जाएगा।

धवन ने कहा था- मस्जिद दैवीय है

पिछली सुनवाई में राजीव धवन ने कहा था कि मस्जिद वह स्थान है, जहां अल्लाह का नाम लिया जाता है। यहां लोग नमाज अदा करते हैं। इस पर जस्टिस एसए बोबडे ने कहा था कि क्या मस्जिद दैवीय है? क्या यह अल्लाह को समर्पित है? इस पर धवन ने कहा कि यह हमेशा से दैवीय है। हम दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हैं। ये अल्लाह को ही समर्पित है।

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