सुनवाई के आखिरी हफ्ते से पहले अयोध्या में लगी धारा 144, फैसला आने तक रहेगी पाबंदी
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में धारा 144 लगा दी गई है. जिलाधिकारी अनुज झा ने अयोध्या में धारा 144 लगाई है. हालांकि अयोध्या में आने वाले दर्शनार्थियों और दीपावली महोत्सव पर धारा 144 का कोई असर नहीं होगा. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पहले धारा 144 लगाई गई है.
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दीपावली महोत्सव पर धारा 144 का कोई असर नहीं होगा
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विहिप का ऐलान- गर्भगृह में दीपक जलाने की मांगेंगे अनुमति
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बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने किया कड़ा विरोध
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में धारा 144 लगा दी गई है. जिलाधिकारी अनुज झा ने अयोध्या में धारा 144 लगाई है. हालांकि अयोध्या में आने वाले दर्शनार्थियों और दीपावली महोत्सव पर धारा 144 का कोई असर नहीं होगा. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पहले धारा 144 लगाई गई है. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा था कि आयोध्या मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर को समाप्त होगी.
विहिप के नए कदम से विवाद
अयोध्या में धारा 144 ऐसे समय लागू की गई जब विश्व हिंदू परिषद (विहिप ) ने इस बार गर्भगृह में विराजमान रामलला के साथ दीपावली मनाने का निर्णय किया है. वहीं बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि अगर कमिश्नर ने विवादित परिसर में विहिप को दीपावली मनाने की इजाजत दी तो वह भी वहां नमाज अदा करने की मांग करेंगे.
विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि भगवान राम जब लंका विजय के बाद अयोध्या पधारे तब से लेकर आज तक यानी त्रेता युग से लेकर कलयुग तक जगह-जगह पर संतों का कार्यक्रम होता है. दीपों का कार्यक्रम होता है. मैं समझता हूं कि अगर अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है तो उनकी जन्मभूमि पर भी दीपोत्सव का कार्यक्रम होना चाहिए. हम मांग करेंगे कि रामलला जहां विराजमान है वह भी दीपोत्सव का कार्यक्रम होना चाहिए.
मस्जिद के पक्षकार ने किया विरोध
वहीं दूसरी तरफ बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने इसका कड़ा विरोध किया है. उन्होंने कहा कि अगर कमिश्नर ने विवादित परिसर में विहिप को दीपावली मनाने की इजाजत दी तो वह भी वंहा नमाज अदा करने की मांग करेंगे.
बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने कहा कि जहां तक विश्व हिंदू परिषद की बात है तो वहां परमिशन किसी को नहीं मिलेगी. अगर कमिश्नर अनुमति देंगे तो गलती करेंगे.कोर्ट के आदेश के मुताबिक वहां दीप जलाने की अनुमति नहीं है. अगर उनको (हिंदू पक्ष) परमिशन मिलती है तो हम लोग भी कुछ और सोचेंगे. हम उनसे (कमिश्नर) कहेंगे कि उनको दीप जलाने को दिया, हमको नमाज पढ़ने के लिए दीजिए.