RSS चीफ मोहन भागवत बोले- भारत में मिलेंगे सबसे सुखी मुसलमान, क्योंकि हम हिंदू हैं
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारी उन्नति अंग्रेजों के वजह से हुई, ये कहना गलत है. हम क्लासलेस सोसायटी की स्थापना वेदों के आधार पर सकते है. हिंदू कोई भाषा या प्रांत नहीं है, ये एक संस्कृति है.
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नौ दिवसीय दौरे पर ओडिशा पहुंचे हैं संघ प्रमुख भागवत
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देश की उन्नति अंग्रेजों की वजह से हुई, ये कहना गलत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में सबसे सुखी मुसलमान भारत में मिलेंगे क्योंकि हम हिंदू हैं. बयान में संघ प्रमुख ने कहा, मारे-मारे यदूही फिरते थे अकेले भारत है, जहां उनको आश्रय मिला. पारसी की पूजा और मूल धर्म सुरक्षित केवल भारत में है. विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलमान, भारत में मिलेंगे. ये क्यों है? क्योंकि हम हिंदू हैं?
इससे पहले उन्होंने कहा कि हमारी उन्नति अंग्रेजों के वजह से हुई, ये कहना गलत है. हम क्लासलेस सोसायटी की स्थापना वेदों के आधार पर सकते है. हिंदू कोई भाषा या प्रांत नहीं है, ये एक संस्कृति है जो भारत के लोगों की सांस्कृतिक विरासत है.
Mohan Bhagwat, RSS: …Maare-maare Yahudi (Jews) firte they akela Bharat hai jahan unko ashray mila. Parsion (Parsis) ki puja aur mool dharma sukrakshit kewal Bharat mein hai. Vishwa mein sarvadhik sukhi Musalman, Bharat mein milega. Ye kyun hai? Kyunki hum Hindu hain…" (12.10) pic.twitter.com/btO3Zdixgz
— ANI (@ANI) October 13, 2019
उन्होंने कहा, आरएसएस लक्ष्य सिर्फ हिंदू समुदाय को बदलना नहीं हैं, बल्कि देश में पूरे समाज को संगठित करना है. साथ ही हिंदुस्तान को बेहतर भविष्य की ओर ले जाना है. शनिवार को बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि सबसे सही तरीका यह है कि अच्छा व्यक्ति तैयार किया जाए, जो समाज और देश को बदलने में अहम भूमिका निभा सके.
संघ प्रमुख ने समाज में बदलाव को जरूरी बताया और कहा कि 130 करोड़ लोगों को बदलना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके लिए अच्छे व्यक्ति तैयार करना जरूरी है, जो स्वच्छ चरित्र का हो और हर गली, हर कस्बे में नेतृत्व करने की क्षमता रखता हो.
गौरतलब है कि संघ प्रमुख नौ दिवसीय दौरे पर ओडिशा के सतरुदे पहुंचे हैं. इस दौरान 17 से 20 अक्टूबर तक कार्यकारी मंडल की बैठक होगी, जिसमें जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और तीन तलाक बिल जैसे केंद्र सरकार के कदमों पर चर्चा होने की उम्मीद है.