बैंक फ्रॉड / प्रवर्तन निदेशालय ने ओडिशा में भूषण स्टील की 4025 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां अटैच कीं

इससे पहले सीबीआई ने बीपीएसएल के पूर्व सीएमडी संजय सिंघल के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।

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  • सीबीआई ने भूषण स्टील के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था, ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा
  • बीपीएसएल ने फर्जी खरीदारी के लिए कई कंपनियों को आरटीजीएस से भुगतान किया और नकदी जुटाई

नई दिल्ली. कर्ज जुटाने के लिए बैंकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने शनिवार को बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत कंपनी की 4025 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति अटैच की गई है। इसमें ओडिशा स्थित जमीन, बिल्डिंग, प्लांट और मशीनें शामिल हैं।

इससे पहले सीबीआई ने बीपीएसएल के पूर्व सीएमडी संजय सिंघल के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।

कंपनी ने बैंकों से कर्ज लेकर पूंजी निवेश किया

ईडी के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि बीपीएसएल ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कर्ज जुटाने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए। कंपनी के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) की कुल रकम में संजय सिंघल और उनके परिवार के सदस्यों का पूंजी के रूप में 695.14 करोड़ का निवेश दिखाया गया। इसके आधार पर उन्होंने समय-समय पर आयकर में छूट भी ली थी।

आरटीजीएस भुगतान के बदले नकदी जुटाई

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि बीपीएसएल ने कई कंपनियों को फर्जी खरीदारी के नाम पर आरटीजीएस से भुगतान किया। इन कंपनियों से बीपीएसएल ने कोई माल नहीं लिया और ट्रांसफर की गई रकम वापस ले ली। इस तरह साइनोक्राइज्ड ट्रेडिंग से सस्ते स्टॉक्स की कीमत बढ़ाकर कृत्रिम कैपिटल गेन्स जुटाने के लिए फंड का इस्तेमाल किया गया।

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