Modi XI Meeting Live: चेन्नई पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ढोल-नगाड़ों से हुआ स्वागत

जम्मू-कश्मीर पर तीखी बयानबाजी के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत पहुंच गए हैं. शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे शी जिनपिंग का विमान चेन्नई एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. भारत-चीन के बीच इस बार इन्फॉर्मल समिट तमिलनाडु के महाबलीपुरम (माम्मलापुरम) में हो रही है. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे, इस दौरान कई अहम मसलों पर बातचीत होगी. चीनी राष्ट्रपति का ये दौरा 48 घंटे के लिए होगा.

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  • आज से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भारत दौरा
  • नरेंद्र मोदी के साथ महाबलीपुरम में होगी मुलाकात
  • चीन ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर दिया तीखा बयान
  • भारत-चीन के बीच होने वाली दूसरी इन्फॉर्मल समिट

महाबलीपुरम। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच महाबलीपुरम के मल्लापुरम में होने वाली दूसरी अनौपचारिक मुलाकात के पूरा शहर तैयार हो गया है। इस अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए तमिलनाडु का ऐतिहासिक महाबलीपुरम (मामल्लापुरम) सुरक्षा के लिहाज से अभेद्य किले में तब्दील हो गया है। सुरक्षा इंतजामों के साथ ही सुंदरता के भी बेहतरीन इंतजाम किए गए हैं। अलग-अलग क्षेत्र और लोगों ने अपने-अपने स्तर पर स्वागत की तैयारियां भी की हैं। पढ़े इस दौरे से जुड़ी हर जानकारी:-

– चेन्नई पहुंचे चीनी राष्ट्रपति का एयरपोर्ट पर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने स्वागत किया वहीं बाहर पारंपरिक तौर से ढोल नगाड़ों के साथ मेहमान का अगवानी की गई।

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प्रधानमंत्री ने इससे पहले अंग्रेजी और चीनी समेत चार अलग-अलग भाषाओं में ट्वीट कर लिखा है कि तमिलनाडु में चीनी राष्ट्रपति की मेजबानी कर खुशी हो रही है। उम्मीद है कि भारत और चीन के बीच इस अनौपचारिक मुलाकात से रिश्तों में और मजबूती आएगी।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब चेन्नई के एयरपोर्ट पर उतरे तो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने उनका जोरदार स्वागत किया. यहां से शी जिनपिंग होटल जाएंगे, इसके बाद शाम को वह सीधे महाबलीपुरम पहुंचेंगे, जहां पर वह पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे.

चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग की यह यात्रा राजनीतिक कम और व्‍यापारिक ज्‍यादा है। इस यात्रा में उनकी भूमिका राष्‍ट्रपति से ज्‍यादा एक कपंनी के सीइओ के रूप में होगी। इस यात्रा का मकसद व्‍यापार के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के साथ व्‍यापारिक अवरोधों को दूर करना भी शामिल है। जाहिर है इस बैठक में चीन अपने निवेश को बढ़ाने पर जोर देगा। चीन यह भी उम्‍मीद करेगा कि यहां चीन की कंपनियों के लिए उचित, अनुकूल और सुविधाजनक व्‍यावसायिक माहौल मुहैया हो। ऐसे में लाजमी है कि भारत-चीन सीमा विवाद समेत तमाम मुद्दों को दरकिनार करते हुए व्‍यावसायिक क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे।

1- माना जा रहा है क‍ि भारत और चीन की जटिल सीमा विवाद उसके व्‍यापारिक सहयोग में बाधा नहीं बनेंगे। पिछले कई दशकों से भारत-चीन सीमा पर एक भी गोलीबारी की घटना नहीं हुई है। सीमा पर शांति कायम है। दोनों देशों के लिए यह एक शुभ संकेत है।

2- कई चीन की कंपनियों ने औद्योगिक पार्कों, ई-कामर्स, और अन्‍य क्षेत्रों में निवेश कर रखा है। चीन का भारत में कुल निवेश आठ अरब डालर है। 1,000 से अधिक चीनी कंपनियों ने भारत में निवेश कर रखा है। इसके चलते  यहां 2,00,000 स्थानीय नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।

3- चीन दक्षिण एशिया में लंबे समय से भारत का सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है। 21वीं सद की शुरुआत के बाद से द्विपक्षीय व्‍यापार 32 गुना बढ़कर करीब 100 अरब अमेरिकी डालर तक पहुंच गया है, जो एक वक्‍त तीन अरब डालर था। चीन का भारत के साथ  घटता व्‍यापार चिंता का विषय है।

सीमा विवाद पर ड्रैगन के बदले सुर 

सीमा से जुड़े जट‍िल और पुराने विवाद पर चीन का रुख बदला-बदला सा नजर आया। चीन की मौजूदा चिंता सीमा विवाद नहीं है, इसलिए उसने बहुत आसानी से यह कहा कि पड़ोसियों से मतभेद होना सामान्‍य सी बात है। इस क्रम में उसने कहा कि बड़ी बात यह है कि उन्‍हें कैसे ठीक से संभाला जाए और वार्ता के जरिए उनका निस्‍तारण किया जाए। चीन की मौजूदा मान्‍यता यह है कि सीमा का सवाल चीन-भारत संबंधों का केवल हिस्‍सा है।

 

 क्‍या है चीन का एजेंडा 

1- सीमा विवाद के चलते संबंधों की प्रगति को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

2- बदलते हुए अंतरराष्‍ट्रीय परिदृष्‍य में भारत-चीन की समान और साझा चुनौतियां हैं।

3- दोनों देशों की एकजुटता समय की मांग है।  भारत और चीन के लिए यह बेहतरीन मौका है। ।

4- चीन और भारत को अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में संचार और समन्वय को मजबूत करना चाहिए।


महाबलीपुरम: जिनपिंग के आने से पहले तिब्बतियों ने किया प्रदर्शन, होटल के बाहर से हिरासत में लिए गए

महाबलीपुरम: तमिलनाडु के महाबलीपुरम में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आने से पहले तिब्बतियों ने प्रदर्शन किया है. पुलिस ने जिनपिंग के ठहरने वाले होटल के बाहर कथित रूप से प्रदर्शन की कोशिश कर रहे पांच संदिग्ध तिब्बतियों को हिरासत में लिया है. अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग इसी होटल में ठहरने वाले हैं.

 

तटीय शहर मामल्लपुरम के समीप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी दूसरी अनौपचारिक बैठक के लिये चिनफिंग दोपहर बाद पहुंचने वाले हैं. तिब्बती झंडे के साथ वहां अचानक प्रदर्शन की कोशिश कर रहे एक शख्स को पुलिस फौरन वहां से दूर ले गयी तथा प्रदर्शनकारियों को नारेबाजी करने से भी रोकती दिखी.

कुछ पुलिसकर्मी उसे एक ऑटोरिक्शा में बैठा कर दूर ले गये, जबकि चार अन्य को पुलिस वाहन में ले जाया गया. शहर और मामल्लपुरम, किसी किले में तब्दील हो गया है और जिस स्टार होटल में चिनफिंग ठहरने वाले हैं उसे बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है. मोदी और चिनफिंग यहां दोपहर को पहुंचेंगे, जहां वे दो दिन शुक्रवार और शनिवार को विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं.

 

बता दें कि शी जिनपिंग शाम 4 बजे महाबलीपुरम पहुंचेंगे.शाम 5 बजे 3 स्मारकों अर्जुन तपस्या, पांच रथ और शोर मंदिर जाएंगे. शाम 6 बजे शोर मंदिर में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में शरीक होंगे और 6.45 बजे पीएम मोदी के डिनर में शामिल होंगे. डिनर में चीनी राष्ट्रपति को दक्षिण भारतीय व्यंजनों का स्वाद चखाया जाएगा. दावत की मेज पर स्वाद के साथ साथ बातचीत का सिलसिला भी चलता रहेगा. डिनर के बाद रात करीब 9 बजे चीनी राष्ट्रपति चेन्नई के अपने होटल के लिए रवाना हो जाएंगे.

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