कार्रवाई / रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह 740 करोड़ रु की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार
इस मामले में शिविंदर के भाई मलविंदर भी आरोपी हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मलविंदर की तलाश की जा रही है। रेलिगेयर फिनवेस्ट ने दिसंबर में शिविंदर और मलविंदर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।
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रेलिगेयर फिनवेस्ट की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की कार्रवाई
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शिविंदर रेलिगेयर फिनवेस्ट कंपनी के पूर्व प्रमोटर, उनके अलावा तीन अन्य लोग भी गिरफ्तार
नई दिल्ली. दवा कंपनी रैनबैक्सी और फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। शिविंदर के अलावा कवि अरोड़ा, सुनील गोधवानी और अनिल सक्सेना भी गिरफ्तार किए गए हैं। रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड की शिकायत पर ये कार्रवाई की। शिविंदर रेलिगेयर फिनवेस्ट के पूर्व प्रमोटर हैं। बाकी लोग भी कंपनी से जुड़े हुए थे। शिकायत के मुताबिक शिविंदर सिंह और अन्य लोगों पर 740 करोड़ रुपए का फंड डायवर्ट करने के आरोप हैं।
इस मामले में शिविंदर के भाई मलविंदर भी आरोपी हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मलविंदर की तलाश की जा रही है। रेलिगेयर फिनवेस्ट ने दिसंबर में शिविंदर और मलविंदर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।
शिविंदर-मलविंदर फोर्टिस विवाद में भी आरोपी
साल 2016 में दोनों भाइयों ने फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में 92वें नंबर पर जगह बनाई थी। उस वक्त दोनों की संपत्ति 8,864 करोड़ रुपए थी। पिछले साल शिविंदर और मलविंदर सिंह पर आरोप लगे कि उन्होंने फोर्टिस के बोर्ड के अप्रूवल के बिना 500 करोड़ रुपए निकाल लिए। फरवरी 2018 तक मलविंदर फोर्टिस के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और शिविंदर नॉन-एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन थे। फंड डायवर्ट करने के आरोपों के बाद दोनों को बोर्ड से निकाल दिया गया। शिविंदर और मलविंदर सिंह ने 1996 में फोर्टिस हेल्थकेयर की शुरुआत की थी।
रैनबैक्सी की डील भी विवादित रही
जापान की दवा कंपनी दाइची सैंक्यो ने 2008 में मलविंदर-शिविंदर सिंह से रैनबैक्सी को खरीदा था। बाद में दाइची ने आरोप लगाया कि सिंह बंधुओं ने रैनबैक्सी के बारे में अहम जानकारियां छिपाईं। उसने सिंगापुर ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी।
सिंगापुर ट्रिब्युनल ने भी दोनों भाइयों को दोषी करार दिया है
शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह की दाइची सांक्यो नाम की एक कंपनी पर 3,500 करोड़ रुपये का कर्ज है. सिंगापुर की एक ट्रिब्युनल ने दोनों भाइयों को इस मामले में दोषी करार दिया है. दोनों भाइयों पर आरोप है कि वो जापानी ड्रगमेकर कंपनी को बिना किसी विस्तृत जानकारी के ही रैनबैक्सी कंपनी को बेचने की तैयारी कर रहे थे.
सेबी ने भी 403 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है
बता दें कि दोनों भाइयों के बीच फोर्टिस हेल्थेकयर और रेलिगेयर एंटरप्राइज लिमिटेड को लेकर विवाद है. जांच खुलासे के बाद बाजार नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ने दोनों भाइयों व उनसे संबंधित 8 फर्म्स को 403 करोड़ रुपये फोर्टिस के खाते में जमा करने का आदेश दिया है. जांच में पता चला था कि दोनों ने फोर्टिस से फंड को अन्य जगह पर डाइवर्ट किया और फाइनेंशियल स्टेटमेंट में गड़बड़ियां की.