कानून व्यवस्था ठीक होने पर जम्मू कश्मीर को दिया जाएगा पूर्ण राज्य का दर्जा- अमित शाह

उन्होंने कहा कि संविधान ने अलग-अलग भाषाओं और संस्कृतियों को बचाकर देश का निर्माण करने का कार्य किया है. इसलिए अनुच्छेद 370 की संस्कृति बनाने या बचाने में कोई भूमिका नहीं है. आईपीएस अधिकारियों को अमित शाह ने बताया कि अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू कश्मीर अन्य राज्यों की तुलना में कितना पीछे रह गया.

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नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर को हमेशा के लिए केंद्र शासित राज्य नहीं बनाया गया बल्कि कानून व्यवस्था ठीक होने पर फिर से जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. गृहमंत्री ने यह बात ट्रेनी आईपीएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही. गृह मंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि जम्मू कश्मीर में केंद्र शासित राज्य का दर्जा भी अस्थाई है. फिलहाल वह प्रदेश की कानून व्यवस्था ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं.

गृहमंत्री शाह ने आज को 2018 बैच के 71 ट्रेनी आईपीएस अधिकारियों से औपचारिक मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अनुच्छेद 370 हटने के बाद देश को क्या-क्या फायदे होंगे और इसके लागू रहते क्या क्या नुकसान हुए, इन सब विषयों पर बड़े विस्तार से चर्चा की. आईपीएस अधिकारियों को अमित शाह ने बताया कि अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू कश्मीर अन्य राज्यों की तुलना में कितना पीछे रह गया. इस दौरान अमित शाह ने 5 ट्रिलियन इकोनामी तक कैसे पहुंचा जाए और उसमें कानून व्यवस्था का क्या महत्व है, इसपर भी भी चर्चा की.

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दरअसल गृहमंत्री अमित शाह इन दिनों अलग अलग वर्ग के लोगों से रूबरू हो रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में 2018 बैच के प्रश्न ट्रेनी आईपीएस अधिकारियों के साथ एक औपचारिक मुलाकात की. मुलाकात के दौरान शाह ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा तथा कानून-व्यवस्था देश की रीढ़ की हड्डी है. जिसके बिना विकास संभव नहीं है. उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने में कानून व्यवस्था की महत्वपूण भूमिका है.

एनआरसी देशहित में नीतियां बनाने में सहायक
शाह ने असम राज्य में एनआरसी में आने वाली चुनौतियों पर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जो कार्य आवश्यक है उसे करना चाहिए चाहे कानून व्यवस्था के लिए कितनी भी चुनौतियां सामने आएं. शाह ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का उदाहरण देते हुए कहा कि विरोधियों द्वारा तमाम तरह की अड़चनें रखी गईं. आज़ादी के बाद कितने ही लोगों की जानें गई लेकिन अनुच्छेद 370 हटाने के बाद एक भी जान नहीं गई. उन्होंने यह भी कहा कि विश्व के अन्य, अधिक आबादी वाले देशों का अध्ययन किया जाए, सब जगह सिटीजन रजिस्टर लागू है. उनका कहना था कि एनआरसी के बाद देश हित में नीतियां बनाने में आसानी होगी. शाह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विरोधियों द्वारा एनआरसी को राजनीतिक कदम कहा जा रहा है.

केंद्र शासित प्रदेश की व्यवस्था अस्थायी
अमित शाह का कहना था कि जम्मू-कश्मीर को हमेशा के लिए केंद्रशासित प्रदेश नहीं बनाया गया है. जैसे ही वहां कानून-व्यवस्था सामान्य होगी पूर्ण राज्य का गठन कर दिया जाएगा. शाह ने कहा कि कुछ लोगों का कहना था कि अनुच्छेद 370 के कारण वहां संस्कृति बची हुई थी. मेरा यह कहना है कि संविधान ने अलग-अलग भाषाओं और संस्कृतियों को बचाकर देश का निर्माण करने का कार्य किया है. इसलिए अनुच्छेद 370 की संस्कृति बनाने या बचाने में कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि धारा 370 का सबसे ज़्यादा उपयोग पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में किया है. जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट बनाया, बच्चों को हथियार पकड़ा दिए गए और हालात यह हो गये कि मारने वाले भी हमारे और मरने वाले भी हमारे.

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