आईएसएस सिस्टम से आतंकियों का पता लगाएगी रेलवे, चप्पे चप्पे पर रखेगी नजर

इंटीग्रेटेड सिक्युरिटी सिस्टम के जरिए रेलवे स्टेशनों के चप्पे चप्पे पर नजर रखी जाएगी. ये सिस्टम संदिग्घ गतिविधियों को ट्रैक करेगा. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन सहित लगभग 202 स्टेशनों पर इसका प्रयोग किया जा रहा है.

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नई दिल्ली: इंडियन रेलवे ने बढ़ते आतंकी खतरे को देखते हुए एक नई पहल की है जिसके तहत कई रेलवे स्टेशनों में इंटीग्रेटेड सिक्युरिटी सिस्टम (आईएसएस) लगाया जा रहा है. इसकी मदद से संदिग्ध आतंकवादियों और रेलवे परिसरों व ट्रेन कोचों में लावारिस समानों की पहचान की जाएगी. आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा, “आरपीएफ और रेलवे प्रोटेक्शन सिक्युरिटी फोर्स (आपीएसएफ) की तैनाती के अलावा, हमने एक कमांडो बटालियन (कोरास कमांडो) को लांच किया है.”

 

कुमार ने कहा कि जहां तक रेलवे सुरक्षा का सवाल है, आरपीएफ बड़े पैमाने पर तकनीक को अपना रही है. उन्होंने कहा, “आईएसएस के तहत, हमने कई जगहों पर, ट्रेन कोचों, रेलवे स्टेशनें में सीसीटीवी कैमरा लगाए हैं और हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग कर सीसीटीवी से मिले फीड का विश्लेषण करने वाले हैं. यह हमें रेलवे परिसरों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण फीडबैक मुहैया कराएगा.”

 

कुमार ने कहा, “हमने पायलट प्रोजेक्ट के तहत बेंगलुरू में फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया है और अब इसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और अन्य स्टेशनों पर लगाया गया है. फेस डिटेक्शन प्रणाली में हमारे पास सीसीटीवी कैमरा से फीडबैक प्राप्त करने का विकल्प भी होगा. हम सॉफ्टवेयर में ज्ञात अपराधियों, आतंकवादियों के स्कैच और फोटो फीड कर देंगे.” कुमार ने कहा, “..और जैसे ही वह वांछित व्यक्ति कैमरे के सामने आएगा, यह कंट्रोल रूम में सिस्टम को अलर्ट कर देगा.”

 

आरपीएफ महानिदेशक ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन समेत 202 से ज्यादा स्टेशनों में यह प्रणाली लगाई गई है. रेलवे ने बदमाशों और रेल नेटवर्क में आतंकवादी गतिविधि पर नजर रखने के लिए सभी बड़े स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना बनाई है. रेलवे के अनुसार, रेलवे के 62,000 किलोमीटर के फैले नेटवर्क में रोजाना 12 लाख यात्री यात्रा करते हैं. कुमार ने कहा कि फेस डिटेक्शन प्रणाली के अलावा आरपीएफ पूरी सुरक्षा प्रणाली के बेहतर विश्लेषण के लिए अन्य सॉफ्टवेयरों पर भी काम कर रही है. महानिदेशक ने कहा कि आरपीएफ गश्ती टीम के लिए बॉडी-वोर्न कैमरा भी लेकर आई है, ताकि स्टेशन परिसरों पर अवांछित दुर्घटनाओं से बचा जा सके.

 

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