पाकिस्तान / पूर्व विदेश मंत्री ने कहा- सच्चाई स्वीकार करें, दुनिया में हमारे साथ कोई नहीं; ये झूठों की सरकार

ख्वाजा आसिफ नवाज शरीफ सरकार में विदेश मंत्री थे, उन्होंने इमरान खान पर तंज कसा आसिफ ने कहा- यूएन में 58 मुल्कों के समर्थन था तो कश्मीर पर प्रस्ताव पेश क्यों नहीं किया

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इस्लामाबाद.पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इमरान खान सरकार को झूठ बोलने वालों की सरकार बताया है। आसिफ ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में हुई फजीहत के बाद हमें ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि दुनिया में हमारे साथ कोई नहीं है। आसिफ को पाकिस्तान में उनकी स्वच्छ छवि और साफगोई के लिए जाना जाता है। वो ब्यूरोक्रेट से राजनीति में आए थे और लंबे वक्त तक नवाज सरकार में विदेश मंत्री रहे।

कब तक झूठ बोलते रहेंगे इमरान और उनके मंत्री
‘एक्सप्रेस टीवी’ को दिए इंटरव्यू में आसिफ नेइमरान सरकार और विदेश मंत्री पर तंज कसे। एक सवाल पर कहा, “प्रधानमंत्री मुल्क को मूर्ख बना रहे हैं। कुछ महीने पहले उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में तेल निकलने वाला है और इससे हमारी गरीबी दूर हो जाएगी। कुछ नहीं हुआ क्योंकि तेल निकालने की संभावना सिर्फ 12 फीसदी थी। अब तो प्रधानमंत्री और उनके मंत्री इतने झूठे ट्वीट कर चुके हैं कि मैं गिनती ही भूल गया।”

‘सच्चाई स्वीकार करें, अब कोई हमारे साथ नहीं’
कश्मीर मुद्दे पर इमरान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 58 देशों के समर्थन का दावा किया था। जब प्रस्ताव पेश करने की बारी आई तो पीछे हट गए। जब कुरैशी से इस बारे में इसी टीवी चैनल ने सवाल किया तो वो आपा खो बैठे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर अब भी वायरल हो रहा है। ख्वाजा आसिफ से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “समर्थन था तो ट्वीट क्यों किया। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में प्रस्ताव पेश क्यों नहीं किया। सच्चाई ये है, और इसे हमें स्वीकार करना चाहिए कि दुनिया में अब हमारे साथ कोई नहीं है। उतावले होकर वो कुछ भी बोल देते हैं और बाद में मुल्क शर्मसार होता है। इन पर कोई असर नहीं होता। अंडों, मुर्गियों से लेकर घरों तक, ये जो भी अनुमान लगाते हैं- वो गलत ही साबित होते हैं।”

पाकिस्तान में सेना ही सरकार है
पिछले दिनों सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान के प्रमुख कारोबारियों के साथ बैठक की थी। इस बारे में पूछे गए एक सवाल पर आसिफ ने कहा, “ये क्या साबित करता है? क्या कारोबारियों को सरकार पर भरोसा नहीं है, या सेना ही सब कुछ चला रही है। इससे ज्यादा बोलूंगा तो मुझे म्यूट (सेना पर तंज) कर दिया जाएगा। यूएन में जो हुआ उससे साबित हो गया है कि हम राजनयिक तौर पर भी दुनिया में अकेले पड़ गए हैं।”

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