नई दिल्ली: टिकट बंटवारे से नाराज हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे के बाद अशोक तंवर ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए प्रदेश नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठाए हैं. अशोक तंवर ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस अब हुड्डा कांग्रेस में तब्दील हो चुकी है और राज्य के प्रभारी गुलाम नबी आज़ाद ने भी कार्यकर्ताओं के साथ इंसाफ़ नहीं किया.
तंवर के इस्तीफ़े के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि उन्हें बीजेपी की तरफ़ से छह बार निमंत्रण आ चुका है, अगर ऐसा करना होता तो मैं पहले ही कर चुका होता मैं किसी भी दल में शामिल नहीं हुआ. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब मैं आराम करूंगा.
अशोक तंवर ने आज ट्वीट करके अपने इस्तीफे की जानकारी दी है. अशोक तंवर ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ग़ुलाम नबी आज़ाद पर तो आरोप लगाए हैं, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जिन नेताओं को प्रमोट किया था उनको एक षड्यंत्र के तहत से हटाया जा रहा है. दरअसल अशोक तंवर अपने समर्थकों को हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने में असमर्थ रहे थे. उसके बाद उन्होंने सोनिया गांधी के घर के बाहर अपने समर्थकों को संबोधित किया था. अशोक तंवर कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें उम्मीद है कि सोनिया गांधी न्याय करेंगी. लेकिन जब उम्मीदवारों की सूची जारी हुई तो उसमें तंवर के एक भी समर्थक को टिकट नहीं मिली वहीं दूसरी तरफ हुड्डा 60 सीटें लेने क़ामयाब रहे हो.
इससे पहले अशोक तंवर ने एक और पत्र सोनिया गांधी को लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें पार्टी के सभी पदों से मुक्त कर दिया जाए. उन्होंने कहा था कि वो पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता की तरह काम करेंगे. तंवर राहुल गांधी के काफी नजदीकी माने जाते थे, राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद झारखंड के अध्यक्ष अजय कुमार और अब अशोक तंवर ने भी कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया है. ऐसे ही बगावती सुर मुंबई के नेता संजय निरुपम के दिख रहे हैं.