कालाधन / भारत ने ललित मोदी और उनकी पत्नी के बैंक खातों की जानकारी मांगी, स्विट्जरलैंड ने नोटिस जारी किया
ललित मोदी 2010 में भारत छोड़कर लंदन चले गए थे। वे पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग मामले का सामना कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने से इनकार है। स्विस अधिकारियों द्वारा जारी किए गए नोटिस में अधिक जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि जवाब देने के लिए अधिकृत व्यक्ति के को 10 दिन का समय दिया जाता है।
-
स्विट्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन ने ललित मोदी और मीनल मोदी को नोटिस जारी किया
-
एफटीए ने ललित मोदी को 2016 में भी नोटिस जारी किया था लेकिन ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई थी
नई दिल्ली/बर्न. स्विट्जरलैंड ने भारत की मांग पर आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी और उनकी पत्नी मीनल को मंगलवार को नोटिस जारी किया। स्विट्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफटीए) ने ललित मोदी और मीनल मोदी से उनके बैंक खातों की जानकारी मांगी है, जो भारतीय अधिकारियों को चाहिए।
ललित मोदी 2010 में भारत छोड़कर लंदन चले गए थे। वे पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग मामले का सामना कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने से इनकार है। स्विस अधिकारियों द्वारा जारी किए गए नोटिस में अधिक जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि जवाब देने के लिए अधिकृत व्यक्ति के को 10 दिन का समय दिया जाता है।
एफटीए ने हाल ही भारत को कई जानकारी दी
स्विट्जरलैंड ने 2016 में भी नोटिस जारी किया था मगर इसके बाद यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ इस मामले में ज्यादा जानकारी साझा की थी अथवा नहीं। हालांकि इन दोनों को सुनवाई का अधिकार दिया गया था। हाल ही में एफटीए ने भारत सरकार को कई ऐसे लोगों की जानकारी दी है, जिन पर टैक्स संबंधित मामलों की जांच चल रही है।
दोनों देशों के बीच समझौता 1 सितंबर से प्रभावी हुआ
भारत और स्विट्जरलैंड के बीच ऑटोमैटिक इन्फॉर्मेशन एक्सचेंज मैकेनिज्म का समझौता पिछले महीने 1 सितंबर से प्रभावी हो गया था। इसके कारण हाल के महीनों में भारत को कई भारतीय नागरिकों के स्विस अकाउंट्स की जानकारी मिली है। इनमें वे अकाउंट भी शामिल हैं जो 2018 में बंद कर दिए गए हैं।
स्विस बैंक खातों के मामले में ब्रिटेन शीर्ष पर
स्विस बैंकों में पैसा रखने के मामले में ब्रिटेन सबसे आगे है। स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) की इसी साल जून में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में कुल जमा रकम का 26% हिस्सा ब्रिटेन के कारोबारियों का था। यहां भारतीयों के रकम रखने में धीरे-धीरे कमी आ रही है। भारत इस समय 74वें नंबर पर है। पिछले साल भारतीयों की जमा रकम में 6% की कमी आई थी, उस वक्त रैंकिंग 73 थी। स्विस बैंकों में जमा रकम में भारतीयों का हिस्सा 0.07% है।