रिपोर्ट / 5 लाख से 10 लाख आय पर टैक्स 20% से घटाकर 10% संभव, दिवाली से पहले ऐलान हो सकता है
मीडिया रिपोर्ट में दावा- 10 लाख रु से ज्यादा आय पर टैक्स की दर 30% की बजाय 25% होने के आसार, सरचार्ज, सेस हटाने और कुछ रियायतें खत्म करने के विकल्प पर भी विचार
नई दिल्ली. सरकार दिवाली से पहले इनकम टैक्स की दरें घटा सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 5 लाख रुपए से 10 लाख तक की आय पर टैक्स 20% से घटाकर 10% किया जा सकता है। 10 लाख रुपए से ज्यादा इनकम पर 30% से घटाकर 25% करने के आसार हैं। सेस और सरचार्ज हटाने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। साथ ही टैक्स में छूट के कुछ विकल्प खत्म भी किए जा सकते हैं।
10 लाख रुपए आय वालों को 45 हजार का फायदा होगा
5 लाख तक की आय | टैक्स फ्री |
स्टैंडर्ड डिडक्शन | 50 हजार रुपए |
बाकी 4.5 लाख पर अभी 20% टैक्स | 90 हजार रुपए |
टैक्स 20% से घटाकर 10% किया तो | 45 हजार रुपए |
बचत | 45 हजार रुपए |
(गणना टैक्स छूट के लिए निवेश के विकल्पों और सेस के बिना)
टास्क फोर्स का सुझाव 2 करोड़ रुपए से ज्यादा आय पर 35% टैक्स लगे: रिपोर्ट
अंग्रेजी अखबार ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार फैसला लेते वक्त डायरेक्ट टैक्स कोड पर टास्क फोर्स की सिफारिशों को ध्यान में रखेगी। टास्क फोर्स ने पिछले दिनों सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक टास्क फोर्स ने 5 लाख रुपए से 10 लाख तक की आय पर टैक्स 20% से घटाकर 10%, 10 लाख से 20 लाख पर 30% की बजाय 20% और 20 लाख रुपए से ज्यादा की आय पर 30% रखने की सिफारिश की। 2 करोड़ रुपए से ज्यादा इनकम वालों पर 35% टैक्स का सुझाव दिया गया।
आयकर की मौजूदा दर (असेसमेंट ईयर 2019-20)
आय | टैक्स |
2.5 लाख रुपए | 0 |
2.5 लाख से 5 लाख तक | 5% |
5 लाख से 10 लाख तक | 20% |
10 लाख से अधिक | 30% |
5 लाख तक आय पर टैक्स में रिबेट के जरिए पूरी छूट
फरवरी में पेश अंतरिम बजट में सरकार ने 5 लाख रुपए तक की करयोग्य आय पर रिबेट के जरिए टैक्स में पूरी छूट देने का ऐलान किया था। यानी इतनी इनकम है तो रिटर्न भरना जरूरी होगा लेकिन, जो टैक्स बनेगा, उसमें छूट मिल जाएगी। ये छूट मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 (असेसमेंट ईयर 2020-21) का रिटर्न फाइल करते वक्त मिलेगी।
सरकार ने पिछले महीने कॉर्पोरेट टैक्स भी घटाया
बताया जा रहा है कि सरकार आर्थिक विकास दर को रफ्तार देने के लिए आयकर में कटौती का ऐलान कर सकती है। इससे लोगों की बचत होगी तो वे ज्यादा खर्च करेंगे और अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। सरकार ने इसी मकसद से पिछले महीने घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स 30% से घटाकर 22% करने का ऐलान किया था, बशर्ते कंपनियां कोई और छूट नहीं ले रही हों।