बिहार बाढ़ और बारिश से बेहाल है. सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका पटना ही है. इसी बीज पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव डूबते-डूबते बचे. फेसबुक पोस्ट लिखकर उन्होंने इस बात की जानकारी दी है. दरअसल धनरुआ के रमणी बिगहा इलाके में पानी की गहराई ज्यादा थी और नाव की व्यवस्था नहीं हो पाई थी. नाव कुछ दूर ही आगे बढ़ी थी तभी डूब गई. स्थानीय लोगों ने रामकृपाल यादव को डूबने से बचा लिया.
लगातार बारिश के कारण बिहार के लोग परेशान है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के कई जिलों में आई बाढ़ और अधिक बारिश को जलवायु परिवर्तन का कारण माना है. उन्होंने बुधवार को यहां कहा कि राज्य में कभी सूखा और कभी भारी बारिश जलवायु परिवर्तन के कारण है.
आज पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का सुबह से ही भ्रमण कर रहा हूँ। लोगों के दुःख दर्द को करीब से महसूस कर रहा हूँ और मदद की समुचित व्यवस्था के लिए निर्देश भी दे रहा हूँ। कई क्षेत्रों में स्थिति सच में काफी विकट है। लोग परेशान हैं। जल्द ही उनकी परेशानी दूर होगी। इस क्रम में आज मैं खुद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। धनरुआ के रमणी बिगहा में एक जगह पानी की गहराई ज्यादा थी। कोई सही नौका की व्यवस्था नहीं हो पाई। स्थानीय लोगों ने किसी तरह कुछ व्यवस्था की। चचरी वाली नौका लाई गई। इसपर सवार हो गहरे पानी को पार कर ही रहा था कि नौका डूब गई। लोगों ने तत्परता से मुझे निकाला। हल्की चोट आई। आप जनता जनार्दन की दुआ से सुरक्षित हूँ।
Ram Kripal Yadav यांनी वर पोस्ट केले बुधवार, २ ऑक्टोबर, २०१९
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘देश की आजादी में चंपारण सत्याग्रह की बड़ी भूमिका है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘नई पीढ़ी को गांधीजी के विचारों की जानकारी देनी होगी. अगर कुछ युवा भी गांधीजी के विचारों को समझ गए तो समाज का बड़ा भला होगा. कुछ अपवादों को छोड़कर गांधीजी में हर किसी की आस्था है.’
नीतीश ने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन के कारण बिहार में सूखा के लिए राहत कार्य चलाए जा रहे थे कि अचानक भारी बारिश से वर्तमान हालात बन गए. इस साल जुलाई में 12-13 जिलों में बाढ़ आई थी. बाद में गंगा नदी में जलस्तर बढ़ गया. ऐसे में अब अचानक हुई भारी बारिश की वजह से पटना के कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए.’
उन्होंने राज्य में गिरते भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि बारिश के पानी का संचय करना होगा, और हम लोगों ने निर्णय लिया है कि जल-जीवन-हरियाली शुरू किया जाएगा.
‘जल-जीवन-हरियाली’ के बारे में उन्होंने कहा, ‘इसके नाम में जल और हरियाली के बीच जीवन छिपा हुआ है. जल और हरियाली है तभी जीवन है. ऐसे में जल और हरियाली को बचाने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा कि इस अभियान की औपचारिक शुरुआत पटना में कर दी गई है, और जिले के शेष क्षेत्रों में इसे 26 अक्टूबर को विधिवत शुरू किया जाएगा. इस मौके पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उपस्थित रहे.