रिपोर्ट / पीएमसी बैंक के प्रबंधन ने कर्ज की जानकारी छिपाने के लिए 21 हजार फर्जी खाते खोले थे
घोटाले की वजह से आरबीआई पिछले हफ्ते 6 महीने का प्रतिबंध लगा चुका प्रबंधन की अनियमितताओं की वजह से बैंक को 4355 करोड़ रु का घाटा हुआ एचडीआईएल कंपनी के खिलाफ भी जांच, इसे पीएमसी ने 6500 करोड़ रु का कर्ज दिया था
मुंबई. पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) ने कर्ज की रकम की जानकारी दबाने के लिए 21 हजार फर्जी खाते खोले। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बैंक के खिलाफ सोमवार को दर्ज एफआईआर में इस बात का पता चला। रिपोर्ट के मुताबिक बैंक प्रबंधन पर एनपीए की जानकारी छिपाने और नियमों के खिलाफ कर्ज बांटने के आरोप हैं। इससे पीएमसी को 4355 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
एसएफआईओ अगले 2 महीने में जांच पूरी करेगा: रिपोर्ट
- एफआईआर के मुताबिक एक रिएलिटी ग्रुप और इसकी कंपनियों को पीएमसी ने 44 कर्ज दिए। बैंक प्रबंधन वित्तीय स्थिति अच्छी बताता रहा लेकिन, हकीकत कुछ और थी। एफआईआर में पीएमसी के चेयरमैन वरयम सिंह और निलंबित एमडी जॉय थॉमस समेत अन्य अधिकारियों के नाम हैं। इसमें दिवालिया कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) और इसके पूर्व अफसरों सारंग वाधवान और राकेश वाधवान के भी नाम हैं। पीएमसी ने इन्हें लोन दिया था।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एचडीआईएल को पीएमसी ने 6,500 करोड़ रुपए का कर्ज दिया। यह बैंक के कुल लोन 8,880 करोड़ रुपए का 73% है। यह किसी एक कंपनी को कर्ज देने के लिए आरबीआई द्वारा तय सीमा से भी काफी ज्यादा है। रॉयटर्स के मुताबिक एक सरकारी अफसर ने मंगलवार को बताया कि सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) पीएमसी मामले में एचडीआईएल की भूमिका की जांच करेगा। अगले 2 महीने में जांच पूरी होने की उम्मीद है।
- अनियमितताओं की वजह से आरबीआई ने पिछले मंगलवार को पीएमसी बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगा दिया था। ग्राहकों के लिए विड्रॉल लिमिट 1000 रुपए तय कर दी गई। हालांकि, दो दिन बाद लिमिट बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दी थी। पीएमसी की 7 राज्यों में 137 शाखाएं हैं।