-
सुषमा स्वराज की अधूरा वादा बेटी ने किया पूरा
-
बांसुरी स्वराज ने हरीश साल्वे को दी फीस
पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज ने अपने निधन से कुछ देर पहले ही कुलभूषण जाधव मामलेमें भारतीय वकील हरीश साल्वे को उनकी 1 रुपये की फीस देने के लिए बुलाया था. साल्वे ने हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में जाधव मामले की सुनवाई के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व 1 रुपये की फीस पर किया था. लेकिन हरीश साल्वे को उनकी फीस मिलने से पहले ही सुषमा स्वराज का निधन हो गया था. अब हरीश साल्वे को उनकी फीस मिल गई है.
सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने शुक्रवार को वकील हरीश साल्वे का बकाया चुका दिया है. सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने एक ट्वीट में कहा है कि बांसुरी ने आज तुम्हारी अंतिम इच्छा को पूरा कर दिया है. कुलभूषण जाधव के केस की फ़ीस का एक रुपया जो आप छोड़ गईं थीं, उसने आज हरीश साल्वे जी को भेंट कर दिया है.
@sushmaswaraj Bansuri has fulfilled your last wish. She called on Mr.Harish Salve and presented the One Rupee coin that you left as fees for Kulbhushan Jadhav's case. pic.twitter.com/eyBtyWCSUD
— Governor Swaraj (@governorswaraj) September 27, 2019
क्या था सुषमा की आखिरी वादा?
सुषमा स्वराज के निधन के तत्काल बाद हरीश साल्वे ने एक टीवी चैनल से बातचीत में बताया था कि निधन से कुछ देर पहले ही उन्होंने सुषमा स्वराज से बात की थी. हरीश साल्वे ने कहा था कि मैंने रात 8:45 बजे उनसे बात की. यह एक बहुत ही भावनात्मक बातचीत थी. उन्होंने कहा, आओ और मुझसे मिलो. जो केस आपने जीता उसके लिए मुझे आपको आपका एक रुपया देना है. मैंने कहा कि बेशक मुझे वह कीमती फीस लेने के लिए आना है. उन्होंने कहा कि कल 6 बजे आना. लेकिन इससे पहले सुषमा स्वराज का निधन हो गया और उनका वादा अधूरा रह जाता है.
क्या था मामला?
दरअसल, पाकिस्तान ने जाधव को मार्च 2016 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद से ही पाकिस्तान लगातार भारतीय अधिकारियों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दे रहा था. इसके बाद पाकिस्तान एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को मौत की सजा सुनाने के बाद भारत ने आईसीजे में मामले को उठाया था.
इसके बाद आईसीजे ने पाकिस्तान को जाधव की फांसी की सजा पर रोक बरकरार रखने और उन्हें राजनयिक पहुंच देने का निर्देश दिया था. भारत ने पाकिस्तान से आईसीजे के आदेश पर तत्काल कार्रवाई करने और जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने के लिए कहा था. इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के आदेश के अनुसार पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को ‘पाकिस्तानी कानून के अंतर्गत’ राजनयिक पहुंच देने के लिए राजी हो गया. इस जीत पर सुषमा स्वराज ने खुशी जाहिर की थी.
जब हरीश साल्वे को सुषमा ने शुक्रिया
उन्होंने ट्वीट किया था, ‘जाधव मामले में मैं जी जान से अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का स्वागत करती हूं. यह भारत के लिए एक महान जीत है.’ उन्होंने मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी शुक्रिया अदा किया और असरदार तरीके से केस लड़ने के लिए वकील हरीश साल्वे को भी धन्यवाद कहा था.