कंपनी का वादा सिर्फ भारत को ही देंगे आधुनिक F-21 लड़ाकू विमान, थर-थर कापेंगे दुश्मन

राफेल और तेजस के साथ एफ-21 की तिकड़ी भारतीय वायुसेना को बेहद ताकतवर और मारक बनाएगी

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नई दिल्ली । अमेरिकी वायुसेना की लाइफलाइन मानी जानेवाली लाकहिड मार्टिन कंपनी ने एलान किया है कि वह अति आधुनिक एफ-21 लड़ाकू विमान केवल भारत को देने के लिए तैयार है। भारतीय वायुसेना एफ-21 को खरीदने का फैसला करती है तो कंपनी इसे दुनिया के किसी दूसरे देश को नहीं देगी। साथ ही उसका मानना है कि नये राफेल लड़ाकू जेट और तेजस विमानों के साथ एफ-21 की तिकड़ी भारतीय वायुसेना को न केवल बेहद ताकतवर बल्कि मारक भी बनाएगी।

भारतीय वायुसेना की 114 नये लड़ाकू विमानों की खरीदने की दौड़ में शामिल दुनिया की सबसे बड़ी एरोनाटिक्स कंपनी लाकहिड मार्टिन के वाइस प्रसिडेंट एरोनाटिक्स स्ट्रेटजी डा विवेक लाल ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत के दौरान यह बात कही। भारतीय वायुसेना की ओर से विमानों की खरीद प्रक्रिया शुरू करने के लिए जारी की गई आरएफआइ में एफ-21 ने भी अपना प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि इस क्रम में वायुसेना की ओर से कुछ सवाल और स्पष्टीकरण पूछे गए जिसका हमने जवाब दे दिया है। अब अगले दौर की प्रक्रिया होगी। लाल ने कहा कि जहां तक एफ-21 की भारत को आपूर्ति का सवाल है तो वायुसेना की शर्तो के अनुरूप 18 विमान पूरी तरह से तैयार आएंगे। बाकी विमान हम भारत में टाटा समूह के साथ मिलकर बनाएंगे।

दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक से लैस

एफ-21 लड़ाकू विमान की खासियत की चर्चा करते हुए लाल ने कहा कि सिंगल इंजन विमान की अपनी श्रेणी में यह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तकनीक से लैस विमान है। सिंगल इंजन की वजह से यह हल्का है और इसीलिए 40 फीसद अधिक हथियार लेकर उड़ान भरने की क्षमता है। एफ-21 आधुनिकतम इशा रडार के साथ भारत की सुरक्षा जरूरतों के अनुकूल विशेष इलेक्ट्रानिक वार फेयर से भी लैस होगा। इसका दोहराफ्यूलिंग मेकेनिज्म और नये तरीके का कॉकपिट इससे वायुसेना के लिए खास बनाएगा। सिंगल इंजन लड़ाकू विमान होने के कारण यह डबल इंजन जेट की तुलना में 30 से 40 फीसद सस्ता भी होगा। ऐसे में जब 114 नये विमान खरीदे जाने हैं तो इस लिहाज से यह बचत भी बड़ी होगी।

दुनिया के किसी दूसरे देश को नहीं देंगे

पाकिस्तान को पूर्व में एफ-16 विमान देने के कंपनी के पूर्व के डील को देखते हुए भारत को कैसे विश्वास दिलाएंगे कि विरोधी को एफ-21 तकनीक न मिले? विवेक ने कहा कि एफ-16 दुनिया के 28 अग्रिम देशों की वायुसेना इस्तेमाल कर रही है और करीब 3000 ऐसे विमान उड़ान भर रहे हैं। मगर जब भारत को एफ-21 का हमारा सबसे सुपिरियर वर्जन देंगे तो हम वादा करेंगे कि यह विमान दुनिया के किसी दूसरे देश को नहीं देंगे। लाल के मुताबिक एफ-21 की भारत के लिए विशिष्टता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि एफ-16 फैमिली अमेरिकी वायुसेना की रीढ़ की हड्डी है। ऐसे में चौथे जेनरेशन के एफ-21 की आपूर्ति केवल भारत को होगी तो भारतीय वायुसेना और अमेरिकी वायुसेना के बीच जबरदस्त समानता दिखेगी।

एफ-35 जेट की ओर बढ़ा है अमेरिका

सिंगल इंजन जेट की सुरक्षा चिंता के मानक से जुड़े सवाल पर विवेक ने कहा कि सालों के रिसर्च के बाद टेक्नोलाजी उस दौर में आ गई है जहां सिंगल इंजन जेट उतने ही अच्छे हैं जितने डबल इंजन। अमेरिका एफ-35 जेट की ओर बढ़ा है और यह भी सिंगल इंजन विमान है। इसीलिए विश्वसनीयता और भरोसे की कसौटी पर एफ-21 दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू जेट में शामिल है।

राफेल,तेजस और एफ-21 की तिकड़ा घातक

राफेल के मुकाबले एफ-21 की तुलना के सवाल पर विवेक लाल ने कहा कि हम मानते हैं कि तेजस और राफेल दोनों के साथ एफ-21 भारतीय वायुसेना को बेहद मजबूती देते हुए ताकतवर बनाएगी। राफेल जहां डबल इंजन एयरक्राफ्ट है तो तेजस एयर डिफेंस एयरक्राफ्ट तथा एफ-21 एयर सुपिरियोरिटी एयरक्राप्ट और तीनों जेट एक दूसरे के पूरक की तरह भारतीय वायुसेना को जबरदस्त बनाएंगे। खासकर यह देखते हुए कि एफ-16 फैमिली के विमान में 138 तरीके के हथियारों से लैस करने का इतिहास रहा है और एफ-21 तो इससे भी 40 फीसद ज्यादा हथियारों से लैस रहेगा। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया के मानकों पर भी एफ-21 को खरा उतरने में कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि टाटा समूह के साथ हमारी संयुक्त भागीदारी पहले से चल रही है।

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