आतंक को लेकर इमरान ने कबूलीं पाकिस्तान की करतूत, दुनिया के सामने खुली पोल

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री (Pakistan's PM) इमरान खान (Imran Khan) ने आज काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस (Council on Foreign Relations) में कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने मोदी-ट्रंप (Modi-Trump) की रैली और पीएम मोदी के अनुच्छेद 370 (Article 370) पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

0 999,031

न्यूयॉर्क: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री (Pakistan’s PM) इमरान खान (Imran Khan) ने सोमवार को काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस (Council on Foreign Relations) में कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने मोदी-ट्रंप (Modi-Trump) की रैली और पीएम मोदी के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) पर हटाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी. इमरान ने वैश्विक मंच पर ये कबूल किया की पहले की पाकिस्तानी सरकारों ने तालिबान के साथ मिलकर आतंक को दुनिया भर में बढ़ावा दिया. उन्होंने अमेरिका के ऊपर पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंक को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया.

पाकिस्तानी पीएम इमरान खान (Imran Khan) के लिए शर्मिंदगी भरे साबित हुए इस कार्यक्रम में उन्हें एक के बाद एक शर्मिंदगी भरे सवाल झेलने पड़े. वे आतंक (Terrorism) को लेकर अपनी असफलताओं का ठीकरा अमेरिका (America) पर ही फोड़ते रहे. पाक को आतंक के आरोपों से बचाने के दौरान इमरान ये भी भूल गए थे कि वे खुद अमेरिका में ही बैठे हुए हैं और लगातार उसे आतंक का पोषक बता रहे हैं.

‘क्या पाक को गुलाम बना लेगा चीन के सवाल को टालते दिखे
सोमवार शाम पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) अमेरिका की काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस के अध्यक्ष रिचर्ड एन हास के साथ बातचीत कर रहे थे. सबसे पहले इमरान खान से पूछा गया कि क्या चीन के द्वारा पाक को दी जा रही मदद से पाक के कर्ज में बढ़ोत्तरी नहीं होगी और उसकी संप्रभुता के खतरा नहीं पहुंचेगा? इस सवाल के जवाब में इमरान खान ने कहा, ‘जब भी हमारे सामने वाकई बेहद खराब परिस्थितियां आईं तो चीन ने हमारी मदद की और इसके साथ ही हमेशा सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने भी हमेशा हमारी मदद की.’ इसके जवाब में वे संप्रभुता के सवाल को टाल गए.

 

इमरान ने कबूला कि पाकिस्तानी सेना ही अल कायदा को ट्रेनिंग देती थी.

‘जब पूछा गया पाक में आतंकवाद क्यों तो अमेरिका पर ही लगाने लगे आरोप’
अमेरिका-पाकिस्तान के संबंधों पर जब इमरान खान से पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री मैटिस (Former Secretary of Defense Jim Mattis) के पाकिस्तान के कट्टरपंथी स्थानों में सबसे खतरनाक होने की टिप्पणी पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई, तो इस सवाल के जवाब में इमरान खान ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि वे नहीं समझते कि क्यों पाकिस्तानी कट्टरपंथी रहा? 1980 में पाकिस्तान ने अमेरिका की मदद से जिहाद के लिए सोवियत के खिलाफ प्रतिरोध विकसित किया. जिहाद को रीगन ने भी महान बताया था…’

इमरान खान ने कहा 9/11 से पहले ऐसे ही जिहादियों (Jihads) की आतंकी बनने में अमेरिका (America) ने मदद की थी. इसके बावजूद अमेरिका का साथ देकर पाकिस्तान ने बड़ी गलती की. इससे पाक की अर्थव्यवस्था को 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. इसके बावजूद अफगानिस्तान न जीत पाने का ठीकरा भी अमेरिका ने हमारे सिर पर फोड़ दिया.

पाकिस्तानी आतंकियों के साथ तालिबानी आतंकियों को भी बचाते दिखे इमरान
‘क्या अमेरिका को आतंकियों से लड़ने के लिए 100% प्रयास नहीं करना चाहिए?’ इस सवाल का जवाब देते हुए इमरान खान ने कहा, ‘अफगानिस्तान के मसले का कभी भी मिलिट्री हल नहीं निकाला जा सकता. मैंने यह बात ओबामा प्रशासन से 2008 में कही थी लेकिन उन्होंने इस पर विश्वास नहीं किया. अफगान हमेशा बाहरी सेनाओं के खिलाफ संगठित रहे हैं. पाकिस्तान में लाखों अफगान रिफ्यूजी रह रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हमें कैसे पता चलेगा कि कौन से आतंकी डूरंड लाइन के किस ओर हैं? ओसामा, अलकायदा के प्रमुख, हाफिज सईद, मसूद अज़हर? हमें ट्रंप के तालिबान शांति वार्ता के बारे में अख़बारों में पढ़ने को मिलता है. यह एक गलती है, मैं बिल्कुल इस मुद्दे को ट्रंप के साथ मुलाकात के वक्त उठाऊंगा.’

इमरान ने कहा, ‘आज का तालिबान यह बात मानता है कि वह पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) को नियंत्रित नहीं कर सकता है, न ही अफगानिस्तानी सेना ऐसा कर सकती है. ऐसे में एक राजनीतिक समझौता ही अकेला रास्ता है, नहीं तो अमेरिका अपनी सेना को किसी भी तरीके से बाहर नहीं निकाल सकती है.’

स्वीकारा, ‘सेना पाकिस्तानी पीएम से ज्यादा पावरफुल’
‘ओसामा को ऐबटाबाद (Abbottabad) में पाया गया और वहीं मारा गया. इसकी कोई जांच क्यों नहीं कराई गई?’ के सवाल का जवाब देते हुए इमरान खान ने कहा, ‘हमने एक जांच कराई है. लेकिन मैं कहूंगा कि 9/11 से पहले पाकिस्तानी सेना अलकायदा को ट्रेनिंग दिया करती थी. ऐसे में हमेशा उनके संबंध आपको मिल जाएंगे. सेना (पाकिस्तानी) में 9/11 के बाद भी आपको ऐसे कई मिल जाएंगे जो 9/11 के बाद तय की गई नीतियों से सहमत नहीं हुए थे.’

‘ज्यादातर बाहरी मानते हैं कि पाकिस्तानी पीएम के पास सेना प्रमुख (पाकिस्तानी) और वहां के खुफिया विभाग से कम शक्तियां हासिल हैं. क्या आपको लगता है कि आपकी शक्तियां सीमित हैं?’ इस सवाल के जवाब में इमरान खान ने कहा, ‘लोकतंत्र नैतिक सत्ता की वजह से चलता है. जब नेता अपनी नैतिक सत्ता खो देते हैं तो सेना अपनी शक्ति के साथ उनकी जगह ले लेती है.’

Leave A Reply

Your email address will not be published.