CM खट्टर के गर्दन काटने वाले बयान पर परशुराम जन कल्याण संस्थान नाराज़, पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गंडासे से गर्दन काटने वाले बयान पर भगवान परशुराम जन कल्याण संस्थान नाराज़ है और उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पत्र लिखकर कार्वाई की मांग की है.
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने, प्रमुख जनप्रतिनिधि होने के बावजूद अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने और मानव अधिकारों का हनन करने की शिकायत अब केंद्रीय गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और डीजीपी हरियाणा को की गई है. भगवान परशुराम जन कल्याण संस्थान की ओर से मुख्य संयोजक ज्योति प्रकाश कौशिक ने जिला पुलिस अधीक्षक हिसार को शिकायत देने के बावजूद अभी तक कार्रवाई न होने के चलते तीनों को शिकायती पत्र लिख कर ई-मेल और डाक द्वारा भेजा है.
उन्होंने कहा कि अगर इन उच्चाधिकारियों द्वारा भी एक सप्ताह के भीतर कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की जाती है तो भगवान परशुराम जन कल्याण संस्थान हाईकोर्ट का रुख करने को मजबूर होगा. उन्होंने कहा कि दर्जनों ऐसे मामलों के फैसले उनके सामने आ चुके हैं जिनमें अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने पर जनप्रतिनिधियों पर कोर्ट द्वारा जुर्माना, फटकार लगाने व कुछ समय के लिए चुनाव लड़ने तक पर रोक भी लगाई है.
I get angry, can't tolerate this: Khattar on his viral video
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— ANI Digital (@ani_digital) September 11, 2019
ज्योति प्रकाश कौशिक द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा निकाली गई जन आशीर्वाद यात्रा दिनांक 4 सितंबर, 2019 को बरवाला पहुंची थी. इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रचार रथ में सवार हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. हर्षमोहन भारद्वाज ने जब बरवाला पहुंचने पर स्वागत करते हुए उन्हें चांदी का मुकुट पहनाने की कोशिश की तो इस पर मुख्यमंत्री बिफर गए. उन्होंने सार्वजनिक मंच से खुले तौर पर डॉ. हर्षमोहन भारद्वाज को गर्दन काटने की धमकी दे दी. जान से मारने की धमकी देते समय मुख्यमंत्री के हाथ में ब्राह्मण समाज के लोगों द्वारा भेंट किया गया व धार्मिक चिन्ह माना जाने वाला फरसा भी था.
Haryana CM on reportedly threatening a party worker with an axe during a rally: Today if someone, specially my party worker ties a silver crown on my head, I'll get angry&I can't tolerate it.We ended this culture after coming to power.He's an old party worker &he didn't feel bad. pic.twitter.com/hS9895k6DO
— ANI (@ANI) September 11, 2019
शिकायत में आगे कहा गया है कि एक तरफ जहां मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक मंच पर एक वरिष्ठ नागरिक से इस प्रकार का व्यवहार करके अपने पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई तो वहीं गर्दन काटने (जान से मारने) की धमकी देना कानूनन अपराध है. यह पूरा मामला 11 सितंबर, 2019 को मेरे संज्ञान में सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो के जरिये आया. मैंने भगवान परशुराम जन कल्याण संस्थान की ओर से इस मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किये जाने की मांग करते हुए उसी दिन हिसार के जिला प्रवर पुलिस अधीक्षक शिवचरण अत्रि को एक पत्र लिख कर मेल किया.
ज्योति प्रकाश कौशिक ने शिकायत पत्र में आगे कहा है, ” अगले दिन (12 सितंबर, 2019) शहर के मौजिज लोगों को साथ लेकर व्यक्तिगत तौर पर मिलकर भी उन्हें इस मामले की शिकायत की. हालांकि पुलिस अधीक्षक जी की तरफ से शिकायत के समय भी संतोषजनक व्यवहार या जवाब नहीं दिया गया. फिर भी मुझे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर विश्वास होने के कारण न्याय की उम्मीद थी, परंतु शिकायत के एक सप्ताह से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. शिकायत पत्र में तीनों अधिकारियों से निवेदन किया गया है कि वे इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई करें, अगर किसी बड़े व्यक्तित्व व जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति के ओहदे के प्रभाव में आकर पुलिस व प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है तो इससे प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा कानून के उल्लंघन की प्रवृत्ति के साथ-साथ तानाशाही व राजतंत्र की परिणिति को भी बढ़ावा मिलेगा, देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी जब देश में एक निशान और एक विधान की बात करते हैं तो इसमें यह अर्थ भी निहित है कि देश का कानून हर क्षेत्र और हर छोटे-बड़े सभी व्यक्तियों के लिए एक समान है.”
ज्योति प्रकाश कौशिक ने कहा कि न्याय के लिए कार्रवाई की उम्मीद के साथ हम चाहते हैं कि मानव अधिकारों के हनन को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.