आर्थिक मंदी से निपटने लिए सरकार का बड़ा एलान, कॉरपोरेट टैक्स में कटौती, कैपिटल गेन पर सरचार्ज खत्म

GST काउंसिल की बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर मीडिया से मुखातिब हुईं. इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में उन्‍होंने टैक्‍स से जुड़े ऐलान किए.

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नई दिल्ली। देश में आर्थिक मंदी से निपटने के लिए वित्त मंत्रालय की ओर से कई घोषणाएं की गई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का एलान किया है. सरकार ने नया कॉरपोरेट टैक्स 25.17 फीसदी तय किया गया है. साथ ही कंपनियों को कोई और टैक्स नहीं देना होगा.
वित्त मंत्रालय ने कैपिटल गेन पर भी सरचार्ज खत्म कर दिया है.

गोवा में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया से मुखातिब हुईं. इस दौरान उन्‍होंने कंपनी और कारोबारियों को राहत देते हुए कॉरपोरेट टैक्‍स घटाने का ऐलान किया. निर्मला सीतारमण ने बताया कि टैक्‍स घटाने का अध्‍यादेश पास हो चुका है.

-निर्मला सीतारमण ने कहा कि मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए  आईटी एक्‍ट में नए प्रावधान को जोड़ा गया है, जो सुनिश्चित करेगा कि कोई भी नई घरेलू कंपनी जिसका गठन 1 अक्टूबर 2019 या उसके बाद हुआ हो और जो नए सिरे से निवेश कर रही हो वो 15 फीसदी के दर से आयकर का भुगतान करेगी.

– वहीं कंपनी 31 मार्च 2023 से पहले उत्पादन शुरू कर देती हैं तो 15 फीसदी टैक्स लगेगा. सभी तरह के सरचार्ज और सेस पर 17.10 फीसदी प्रभावी दर होगी.

– मैन्‍युफैक्‍चरिंग कंपनियों के लिए भी टैक्‍स घटेगा.

– घरेलू कंपनियों पर बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 फीसदी होगा. जबकि सरचार्ज और सेस जोड़कर प्रभावी दर 25.17 फीसदी हो जाएगी.

– सरकार को इस ऐलान के बाद 1.45 लाख करोड़ का राजस्‍व घाटा होगा

– इक्‍विटी कैपिटल गेंस पर से सरचार्ज हटा दिया गया है.

– लिस्‍टेड कंपनियों को राहत देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन कंपनियों को अब बायबैक पर टैक्स नहीं देना होगा जिन्होंने 5 जुलाई 2019 से पहले बायबैक शेयर का एलान किया है.

– इसके साथ ही MAT यानी मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स खत्म कर दिया गया है. दरअसल, यह टैक्‍स ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा कमाती हैं. लेकिन रियायतों की वजह से इन पर टैक्‍स की देनदारी कम होती है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 115JB के तहत MAT लगता है.

– निर्मला सीतारमण के इस ऐलान के बाद शेयर बाजार में बड़ी तेजी देखी गई. प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान सेंसेक्‍स 900 अंक मजबूत हुआ तो वहीं निफ्टी ने भी 250 अंकों की बढ़त दर्ज की. सेंसेक्‍स 37 हजार के पार कारोबार करता दिखा तो वहीं निफ्टी ने 11 हजार के स्‍तर को टच कर लिया. कुछ देर बाद सेंसेक्‍स 1600 अंक और निफ्टी 485 अंक की बढ़त को पार कर लिया.

– सेंसेक्‍स के सभी 30 शेयरों में तेजी दर्ज की गई. यह आम बजट के बाद पहली बार है जब बाजार में कारोबार के दौरान पकड़ दिखी. इसके अलावा रुपये में 60 पैसे से अधिक की तेजी देखने को मिली और यह डॉलर के मुकाबले 70.68 रुपये के स्‍तर पर पहुंच गया.


वित्त मंत्रालय के एलान के बाद शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. सेंसेक्स 900 अंक पार हो गया है. 
गोवा में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया से मुखातिब हुईं. इस दौरान उन्‍होंने कंपनी और कारोबारियों को राहत देते हुए कॉरपोरेट टैक्‍स घटाने का ऐलान किया. निर्मला सीतारमण ने बताया कि टैक्‍स घटाने का अध्‍यादेश पास हो चुका है. बता दें कि जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद भी वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस होती है.

गुरुवार को भी मीडिया से की थी बात

बीते गुरुवार को भी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्‍होंने कहा कि 31 मार्च 2020 तक संकटग्रस्त किसी भी एमएसएमई को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा. वित्त मंत्री ने बताया कि बैंक कर्ज देने के इरादे से 3 से 7 अक्टूबर के बीच 200 जिलों में एनबीएफसी और खुदरा कर्जदारों के लिए कैंप लगाएंगे. सरकार ने इस मुहिम को बैंक लोन मेला नाम दिया है. जिन जिलों में इस लोन मेले का आयोजन किया जाएगा, वहां के सांसद भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुहिम में हिस्सा लेंगे.

बता दें कि आर्थिक सुस्‍ती को दूर करने के लिए बीते एक महीने में सरकार ने कई बड़े ऐलान किए हैं. सरकार ने 23 अगस्त को विदेशी पोर्टफोलियो और घरेलू निवेशकों पर लगाया गया सरचार्ज वापस लिया तो वहीं 30 अगस्त को 10 सरकारी बैंकों के विलय के बाद 4 बड़े सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की गई. इसी तरह बीते 14 सितंबर को एक्सपोर्ट और रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए पैकेज और रियायत देने की बात कही गई.

जीएसटी काउंसिल की बैठक कुछ देर में

जीएसटी काउंसिल की 37वीं बैठक गोवा में हो रही है. इस बैठक के एजेंडे में ऑटोमोबाइल, बिस्किट, माचिस, आउटडोर कैटरिंग सेगमेंट के GST रेट में बदलाव की बात रखी गई है. हालांकि इन्‍हें राहत मिलने की उम्‍मीद बेहद कम है. यहां बता दें कि ऑटो इंडस्‍ट्री लंबे समय से कारों पर लगने वाले 28 फीसदी जीएसटी को घटाकर 18 फीसदी करने की मांग कर रही है. लेकिन काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने ऑटो सेक्‍टर की मांग को खारिज कर दिया है. कमेटी का मानना है कि ऑटो सेक्टर में रेट कटौती से GST कलेक्शन पर असर पड़ेगा. क्योंकि इस सेक्टर से सालाना 50 से 60 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन होता है.

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