JNUSU Election Result: सभी चार सीटों पर लेफ्ट फ्रंट का कब्जा, ABVP के वोट शेयर में बढ़ोतरी

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी दूसरे स्थान पर रहा. इस चुनाव में एबीवीपी और लेफ्ट फ्रंट के वोट शेयर में इजाफा हुआ है.

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में एक बार फिर से वामदलों ने दबदबा कायम रखा. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव के पद पर वाम दलों के संयुक्त मोर्चे के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. सभी चार सीटों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) दूसरे स्थान पर रहा.

 

जेएनयूएसयू के चुनाव में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ा है.

 

दिल्ली हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के आद यूनिवर्सिटी ने परिणाम घोषित किए. स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की आइशी घोष अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुईं. उन्होंने एबीवीपी के मनीष जांगिड़ को 1,175 वोटों के अंतर से पराजित किया. आइशी को 2313 और जांगिड़ को 1128 वोट मिले. BAPSA के जितेंद्र सुना को 1121 वोट मिले.

 

घोष पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर की हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है. फिलहाल घोष JNU में इंटरनेशनल रिलेशंस से एमफिल कर रही हैं.

 

करीब 13 साल बाद एसएफआई का कोई अध्यक्ष जेएनयू में चुना गया है. साल 2006-07 में एसएफआई के धनंजय त्रिपाठी जेएनयूएसयू के अध्यक्ष चुने गए थे. आइसा के सतीश चंद्र यादव महासचिव पद पर विजयी हुए. उन्होंने सबरीश पीए को हराया है. यादव को 2518 तो सबरीश को 1355 वोट मिले.

डीएसएफ के साकेत मून उपाध्यक्ष पद पर विजयी हुए. उन्होंने 3365 वोट हासिल करके एबीवीपी की श्रुति अग्निहोत्री को पराजित किया जिन्हें 1335 वोट मिले. संयुक्त सचिव पद पर मोहम्मद दानिश की जीत हुई है जिन्होंने 3295 वोटों के साथ सुमंत कुमार साहू को शिकस्त दे दी.

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने छह सितंबर को हुए जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी थी. अदालत के निर्देशानुसार मंगलवार को परिणाम घोषित किये गये. इससे पहले आठ सितंबर को इन चुनावों के परिणाम घोषित किये जाने थे.

 

जेएनयूएसयू के चुनाव में वाम दलों के गठबंधन और एबीवीपी का वोट शेयर बढ़ा है. वामदलों को 50.15 प्रतिशत वोट मिले, जो कि पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक है. वहीं एबीवीपी को 23.2 प्रतिशत वोट मिले जो कि पिछले साल की तुलना में दो प्रतिशत अधिक है.

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