कांग्रेस आलाकमान ने दिया महाराष्ट्र के नेताओं को संदेश, कहा- फेसबुक छोड़ मैदान में उतरें

पार्टी छोड़कर जा रहे नेताओं को लेकर आलाकमान गंभीर तो है लेकिन वहीं यह भी कहा जा रहा है कि जिन लोगों को अपने ऊपर भरोसा नहीं है वही लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. दलबदल कर रहे हैं.

नई दिल्लीः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल-बदल का सिलसिला जारी है. एक के बाद एक नेता कांग्रेस और एनसीपी छोड़कर बीजेपी और शिवसेना में शामिल हो रहे हैं. दोनों विपक्षी पार्टियां अंदरूनी गुटबाजी से परेशान हैं. इन गुटबाजियों से निपटने के लिए आलाकमान हर संभव कोशिश कर रही है. इस बीच कांग्रेस आलाकमान ने अपने नेताओं को साफ कर दिया है कि सोशल मीडिया छोड़ कर मैदान में लोगों से जुड़ें और विपक्षी नेताओं को मैदान में चुनौती पेश करें. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेताओं से कहा कि गुटबाजी से बचें.

 

बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने कहा, ”अब जो हुआ सो हुआ. पार्टी के नेता फेसबुक पर आंदोलन करने के बजाए जमीन पर उतरें. गुटबाजी से बचें. लोगों के बीच जाकर जनता के मुद्दों पर लड़ाई लें. कार्यकर्ताओं को एकजुट करें और विपक्षियों के लिए चुनौती पेश करें.”

 

बता दें कि हाल ही में कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी. इन नेताओं ने कांग्रेस छोड़ने के कारणों को लेकर कहा कि पार्टी के अंदर काफी गुटबाजी है. उर्मिला मातोंडकर ने अपने पत्र में साफ तौर पर लिखा था कि वह अंदरूनी गुजबाजी से नाराज़ है. उर्मिला मातोंडकर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी थीं.

 

पार्टी छोड़कर जा रहे नेताओं को लेकर आलाकमान गंभीर तो है लेकिन वहीं यह भी कहा जा रहा है कि जिन लोगों को अपने ऊपर भरोसा नहीं है वही लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. दलबदल कर रहे हैं. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कई पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरेगी.

 

कांग्रेस के इस गठबंधन में एनसीपी, समाजवादी पार्टी (सपा) और प्रकाश अम्बेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ बातचीत कर रही है. हालांकि अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है. माना जा रहा है कि एनसीपी के साथ बात बन गई है लेकिन दोनों दलों के नेता सीटों के बंटवारे पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.


सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद बोले सचिन पायलट- कांग्रेस शासित राज्यों में सरकारों के काम पर चर्चा

नई दिल्लीः राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आज कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में सरकारें जो कर रही हैं और लोगों के लिए क्या किया जा रहा है, इस पर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा पार्टी के उन कार्यकर्ताओं की सहभागिता को बढ़ाने के बारे में चर्चा हुई जिन्होंने सालों से पार्टी के लिए काम किया है.

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज दिल्ली में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी के साथ चर्चा की. इसके अलावा खास बात ये रही कि इस बैठक में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी बुलाया गया था.

 

सचिन पायलट राजस्थान के उप मुख्यमंत्री होने के साथ साथ राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और पिछले कुछ दिनों में उनके बयानों से ऐसा लगा कि वो राज्य सरकार के नेतृत्व से खुश नहीं हैं. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष किसी अपने आदमी को बनाना चाहते हैं.

 

कहा जा रहा है कि आज के मुख्यमंत्रियों की बैठक में सचिन पायलट को इसलिए बुलाया गया ताकि सीएम गहलोत और उनके बीच चल रहे झगड़े को कांग्रेस अध्यक्ष सुलझा सकें. बता दें कि इससे पहले सचिन पायलट ने क़ानून व्यवस्था को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए थे.

 

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