- टेंडर के मुताबिक सरकार 2000 मीट्रिन टन प्याज का आयात करेगी
- प्याज के दाम बढ़ने की वजह से पहले भी गिर चुकी है बीजेपी की सरकार
नई दिल्ली। भारत सरकार पड़ोसी देशों से प्याज का आयात करने जा रही है. यह आयात पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, अफगानिस्तान जैसे प्याज उत्पादक देशों से किया जाएगा. 6 सितंबर, 2019 को देश की सार्वजनिक क्षेत्र की ट्रेंडिंग बॉडी MMTC Ltd. (Metals and Minerals Trading Corporation of India) की ओर से जारी टेंडर के मुताबिक सरकार 2000 मीट्रिन टन प्याज का आयात करेगी.सरकार का यह कदम प्याज की कमी को पूरा करने और बढ़ती कीमतों के बीच घरेलू आपूर्ति को संतुलित करने के लिए उठाया गया है.
बीजेपी यह कभी नहीं भूल सकती कि प्याज के दाम बढ़ने की वजह से एक बार उसे सरकार गंवानी पड़ी थी.वर्तमान में मालेगांव और लासलगांव के 14 थोक मार्केट में प्याज की कमी है. आज शुक्रवार को प्याज मार्केट में सबसे अच्छी क्वालिटी के प्याज का दाम 2930 रुपये प्रति क्विंटल पर खुला. कुछ दिन पहले सबसे अच्छी क्वालिटी के प्याज का थोक भाव 2700 और साधारण क्वालिटी के प्याज का दाम 1400 रुपये प्रति क्विंटल था.
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की MMTC 2000 मीट्रिक टन प्याज आयात करने के लिए ओपेन टेंडर निकाल रही है. यह प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इससे प्याज उत्पादक किसानों का कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि भारत में रोज प्याज की खपत को देखते हुए यह आयात बेहद कम है.
कुल मिलाकर भारत में हर महीने 15 लाख मीट्रिक टन प्याज की जरूरत होती है. आम तौर पर अकेले मुंबई में हर दिन एक हजार मीट्रिक टन प्याज की खपत होती है. इसलिए मौजूदा हालात में 2000 मीट्रिक टन प्याज का आयात, वह भी नवंबर में, होने से प्याज के दामों में कोई बड़ी गिरावट नहीं आएगी.
नैफेड के डायरेक्टर नानासाहिब पाटिल का कहना है कि प्याज उत्पादक इलाकों जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में प्याज की नई फसल नवंबर से आनी शुरू होती है. अगर तब तक प्याज की आपूर्ति में कमी आती है तो वह नई फसल से पूरी हो जाएगी. इसलिए MMTC को अतिरिक्त प्याज आयात करने की जरूरत नहीं है. पिछले दो सालों से MMTC ने प्याज का आयात नहीं किया है क्योंकि भारत में प्याज का उत्पादन पर्याप्त हुआ है. लेकिन इस साल लगातार बारिश की वजह से ज्यादातर बाजारों में प्याज को नुकसान हुआ.
हालांकि, ऐसे समय में खुद सरकार के पास 50 हजार मीट्रिक टन का बफर स्टॉक मौजूद है. अगर मांग बढ़ती है तो इस स्टॉक का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. सरकार की जिम्मेदारी है कि वह किसानों के साथ उपभोक्ताओं का भी ख्याल रखे, इसलिए यह कदम उठाया गया है.
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रेसीडेंट और किसान नेता राजू शेट्टी ने आरोप लगाया कि सरकार प्याज आयात करने की घोषणा करके हारी हुई बाजी खेल रही है. इस घोषणा से ऐसे किसान और व्यापारी जिनके पास प्याज के स्टॉक हैं वे उसे बाजार में उतारने को मजबूर होंगे, जिससे प्याज के दाम गिरेंगे. किसानों को प्याज का अच्छा दाम मिल रहा है इसलिए सरकार को प्याज आयात नहीं करना चाहिए.