दीवाली से पहले ग्राहकों के लिए अच्छी ख़बर की उम्मीद, सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य बनाने की तैयारी

मोदी सरकार ने गोल्ड की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की तैयारी की है और माना जा सकता है कि दीवाली से पहले ही इसपर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा.

नई दिल्लीः दीवाली से पहले अगर आप सोना ख़रीदने की इच्छा रखते हैं तो आपके लिए अच्छी ख़बर है. मोदी सरकार सभी प्रकार के सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य बनाने की तैयारी कर रही है. सरकार की कोशिश है कि दीवाली से पहले ही इसपर अंतिम फ़ैसला ले लिया जाएगा.

 

असली-नकली की पहचान करना आसान होगा
हॉलमार्किंग से ग्राहकों को बड़ा फ़ायदा होने वाला है. हॉलमार्किंग दुनिया भर में धातुओं से बने सामानों में उस धातु की मात्रा जानने का सबसे प्रामाणिक और सटीक तरीका माना जाता है. ऐसे में अगर भारत में भी इसे अनिवार्य बनाया गया तो ये सोने के आभूषणों में सोने की मात्रा की सरकार की ओर से दी जाने वाली गारंटी बन जाएगा. इससे असली और नकली सोने के आभूषणों की पहचान करना आसान हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक़ 8, 14 और 22 कैरेट की तीन श्रेणियों के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य बनाए जाने की योजना है. यही नहीं, हॉलमार्किंग के साथ साथ आभूषणों पर निर्माता का नाम और अंतर्राष्ट्रीय मानक का नंबर लिखना भी ज़रूरी बनाया जा सकता है. वैसे हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की पहल क़रीब दो साल पहले शुरू हुई थी लेकिन अलग अलग कारणों से इसमें देरी होती रही है.

 

हॉलमार्किंग फिलहाल अनिवार्य नहीं
फिलहाल भारत में सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की व्यवस्था तो है लेकिन उसे अनिवार्य नहीं बनाया गया है. अगर चाहे, तो सोने के आभूषणों का कोई निर्माता भारतीय मानक ब्यूरो से अपने उत्पाद के लिए हॉलमार्किंग का अधिकार ले सकता है. फिलहाल देश के कुल आभूषण निर्माताओं में से केवल 10 फ़ीसदी ने ही अपने सोने की हॉलमार्किंग करवाई हुई है.

 

भारत में सोने का बड़ा बाज़ार
भारत में सोने की बड़े पैमाने पर खपत होती है. 1982 में जहां देश में सालाना केवल 65 टन सोने की खपत थी, वहीं अब ये बढ़कर 800 टन से भी ज़्यादा हो गई है. इनमें से 80 फीसदी सोने की खपत घरेलू कामों में होती है.

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.