नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के तहत चार पदों के लिए बृहस्पतिवार को वोट डाले जाएंगे और नतीजों का एलान 13 सितंबर को होगा. इसमें 1.3 लाख से ज्यादा विद्यार्थी वोटिंग करने के योग्य हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी के चुनाव अधिकारी अशोक प्रसाद ने कहा, ‘वोटिंग सेंटर पर ईवीएम बुधवार को पहुंचा दिये गये और सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं. उत्तर पश्चिम दिल्ली के किंग्सवे कैंप की पुलिस लाइन्स का कम्युनिटी हॉल मतगणना केंद्र होगा.”’1.3 लाख स्टूडेंट्स 52 मतदान केंद्रों पर वोट डालेंगे. चुनाव के नतीजे 13 सितंबर को घोषित किए जाएंगे.’
नजदीकी मुकाबले वाले इन चुनावों में कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई से अध्यक्ष पद के लिए 11 साल बाद कोई महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. इसकी प्रतिद्वंद्वी एबीवीपी ने पिछली बार 2011 में महिला उम्मीदवार उतारा था. चुनाव मैदान में उतरे 16 उम्मीदवारों में केवल चार महिलाएं हैं जिनमें से दो निर्दलीय हैं.
आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने डूसू अध्यक्ष पद के लिए अक्षित दहिया को, उपाध्यक्ष पद के लिए प्रदीप तंवर को, महासचिव पद के लिए योगित राठी और संयुक्त सचिव पद के लिए शिवांगी खेरवाल को उतारा है. नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने दहिया के खिलाफ चेतना त्यागी को और वाम दल समर्थित आइसा ने अध्यक्ष पद के लिए दामिनी कैन को उतारा है. एनएसयूआई ने उपाध्यक्ष पद के लिए अंकित भारती को, सचिव पद के लिए आशीष लांबा और संयुक्त सचिव पद के लिए अभिषेक चपराना को चुनाव मैदान में उतारा है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस सहायक आयुक्त और उत्तर पश्चिम जिले के थाना प्रभारी मतदान केंद्रों पर व्यवस्था का निरीक्षण करेंगे. अधिकारी ने बताया कि यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस की तरफ विजय जुलूसों की निगरानी उत्तर पुलिस जिला के पुलिसकर्मी करेंगे.
पिछले साल, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गडबड़ी के आरोपों को लेकर मतदान रोक दिया गया था. हालांकि, बाद में यह शुरू कर दिया गया था. पिछले साल के चुनाव में एबीवीपी ने तीन पदों पर जीत हासिल की थी जबकि एनएसयूआई को एक सीट मिली थी. अलग-अलग छात्र संगठनों ने चुनाव से पहले जो वादे किए हैं उनमें असमानता हटाना, महिला सुरक्षा, विद्यार्थियों को ओलंपिक भेजना और मेट्रो के लिए रियायती पास दिलाना आदि शामिल हैं.