दुनिया के सामने पाकिस्तान की किरकिरी, UNHRC में PoK के नेता बोले- गिलगित और बलटिस्तान को भारत के अंग
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक पाकिस्तान कश्मीर पर अपना झूठा प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश कर रहा है. भारत लगातार पाकिस्तान के झूठ का का दुनिया का पर्दाफाश कर रहा है. बारत ने पूरी दुनिया को बताया है कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है.
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में आज पूरी दुनिया की किरकिरी हुई. पीओके के नेता सेंग सेरिंग ने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर के जिस हिस्से पर कब्जा किया हुआ है दरअसल वो भारत का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का एक हिस्सा है. संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को यह जानने की जरूरत है कि पाकिस्तान पिछले 70 वर्षों से एक बड़ा रोड़ा बन गया है.
Senge H Sering, Gilgit-Baltistan activist at the 42nd session of UNHRC in Geneva: Gilgit-Baltistan is part of India. Members of the United Nations need to realise that Pakistan has become a big stumble block for last 70 years. pic.twitter.com/VNymxIRtkL
— ANI (@ANI) September 11, 2019
सेरिंग ने कहा, “भारत ने लद्दाख को स्वायत्तता का अधिकार देकर का अधिकार अपना केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए जो कुछ किया है उससे हमें उम्मीद है कि एक दिन गिलकित और बाल्टिस्तान में भी लद्दाख जैसा विकास और राजनीतिक मॉडल लागू होगा.”
उन्होंने कहा कि आपको आश्चर्य होगा कि पाकिस्तान कश्मीरी लोगों का वकील बनने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसने जनसांख्यिकी को बड़े पैमाने पर बदल दिया है. बता दें कि गिलकित और बाल्टिस्तान फिलहाल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा है. पश्चिम इसकी सीमा खैबर पख्तूनख्वा और दक्षिण में जम्मू और कश्मीर में आती है. वर्तमान में, क्षेत्र न तो एक प्रांत है और न ही एक राज्य, यह एक अर्ध-राज्य की स्थिति में है.
गिलगित-बाल्टिस्तान के रिटायर कर्नल वजाहत हसन ने भी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में पाकिस्तान को जमकर कोसा. उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान कहता है कि पूरा जम्मू-कश्मीर एक विवादित इलाका है, इसलिए वहां खुद से फैसला लेने के अधिकार होने चाहिए. मैं कहता हूं कि आखिर पाकिस्तान यह दावा कैसे कैसे दावा कर सकता है कि यह एक विवादित क्षेत्र है?” उन्होंने कहा, ”पाकिसतान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को कश्मीर के कॉकपिट में इतने लंबे समय तक रखा है कि लोग अब गिलगित-बाल्टिस्तान के महत्व और जम्मू-कश्मीर राज्य के साथ इसके लिंक के बारे में नहीं जानते हैं. इसे जम्मू कश्मीर के साथ ही जोड़ते हैं.”