UNHRC में मुंह की खाने के बाद इमरान खान का नया पैंतरा, PoK के मुजफ्फराबाद में बुलाई रैली
भारत ने यूएनएचआरसी में जम्मू-कश्मीर का राग अलापने के लिए पाकिस्तान की कड़ी निंदा की और कहा कि मानवाधिकारों पर एक खराब रिकॉर्ड रखने वाले देश ने झूठी और मनगढ़ंत कहानी पेश की है.
इस्लामाबाद: कश्मीर को लेकर दुनिया के हर मंच पर पाकिस्तान की करारी हार हो रही है. बावजूद इसके पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है. कल संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में भारत ने पाकिस्तान के कश्मीर को लेकर फैलाए जा रहे दुष्प्रचार की धज्जियां उड़ा दी. अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एलान किया है कि वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में रैली करेंगे.
इमरान खान ने आज सुबह ट्वीट करके कहा है, ‘’मैं भारतीय बलों की तरफ से IOJK की निरंतर घेराबंदी के बारे में दुनिया को एक संदेश देने के लिए शुक्रवार 13 सितंबर को मुज़फ़्फ़राबाद में एक बड़ा जलसा करने जा रहा हूं. हम कश्मीरियों को बताएंगे कि पाकिस्तान पूरी तरह से उनके साथ खड़ा है.’’
UNHRC में भारत ने उड़ाई पाकिस्तान की धज्जियां
कल भारत ने यूएनएचआरसी में जम्मू-कश्मीर का राग अलापने के लिए पाकिस्तान की कड़ी निंदा की और कहा कि मानवाधिकारों पर एक खराब रिकॉर्ड रखने वाले देश ने झूठी और मनगढ़ंत कहानी पेश की है. इसके साथ ही भारत ने कहा कि नई दिल्ली अपने आंतरिक मामलों में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा. भारत ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है, जिसने भारत के साथ एक वैकल्पिक कूटनीति के रूप में सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा दिया है.
I am going to do a big jalsa in Muzzafarabad on Friday 13 Sept, to send a message to the world about the continuing siege of IOJK by Indian Occupation forces; & to show the Kashmiris that Pakistan stands resolutely with them.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 11, 2019
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने माना, जम्मू-कश्मीर भारत का राज्य
वहीं, कल संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक के लिए जेनेवा पहुंचे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आखिरकार जम्मू कश्मीर को भारतीय राज्य मान लिया. पाकिस्तान विदेश मंत्री का यह कुबूलनामा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर की स्थिति को लेकर बोलते हुए आया.
शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ”भारत दुनिया को बताने कोशिश कर रहा है कि जम्मू कश्मीर में जनजीवन सामान्य हो गया है. अगर जनजीवन सामान्य हो गया है तो वो अंतरराष्ट्रीय मीडिया, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं, एनजीओ और सिविल सोसाइटी को भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर में जाने की इजाजत क्यों नहीं दे रहे. जिससे वो वहां जार खुद सच देख सकें.”