महाराष्ट्र: एनसीपी पर मंडरा रहा है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खोने का खतरा

लोकसभा चुनाव में एनसीपी सिर्फ महाराष्ट्र में 5 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई. इसके अलावा दूसरे किसी राज्य में पार्टी का सांसद नहीं जीता.

मुंबई: महाराष्ट्र में करीब दो महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और शिवसेना अपने चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत कर चुकी है. लेकिन विपक्षी गठबंधन कांग्रेस-एनसीपी की हालत खराब नज़र आ रही है. दोनों पार्टियों के कई दिग्गज नेता पिछले कुछ वक्त में सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. लगातार मिल रही हार की वजह से शरद पवार की पार्टी एनसीपी की हालत इतनी खराब हो गई है कि उसे मिला हुआ राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खतरे में है.

 

चुनाव आयोग पहले ही एनसीपी से सवाल कर चुका है कि क्यों ना आपकी पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म कर दिया जाए. जिसके जवाब में एनसीपी ने चुनाव आयोग से विधानसभा चुनाव के नतीजे आने का इतंजार करने की अपील की है.

2014 लोकसभा चुनाव के बाद एनसीपी की हालत खराब हुई

 

एनसीपी की हालत खराब होने की असल वजह 2014 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार रही. 2014 लोकसभा चुनाव में एनसीपी को देशभर में सिर्फ 6 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी. इसके बाद विधानसभा चुनाव में भी एनसीपी 41 सीटें जीतकर राज्य में चौथे नंबर की पार्टी बनी. 2019 के लोकसभा चुनाव में एनसीपी सिर्फ महाराष्ट्र में 5 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर पाई.

 

न्यूनतम शर्त पूरी नहीं कर पा रही है पार्टी

 

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए किसी भी पार्टी के पास चार या उससे अधिक राज्यों में 6 फीसदी से अधिक वोट होने चाहिए. दूसरी शर्त के मुताबिक अगर कोई पार्टी चार या उससे अधिक राज्यों में लोकसभा सीट जीतने में कामयाब होती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है. पर एनसीपी दो लोकसभा चुनाव से इस शर्त को पूरा नहीं कर पा रही है.

 

दो महीने बाद होंगे विधानसभा चुनाव

 

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव दो महीने बाद होने हैं. चुनाव की घोषणा होने से पहले ही एनसीपी के कई दिग्गज नेता शिवसेना और बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.

 

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