अलविदा राम जेठमलानी: समाज से बेपरवाह उन्होंने लड़े ऐसे केस जिन्हें कोई हाथ लगाने से भी डरे
देश के प्रतिष्ठित वकील राम जेठमलानी का निधन हो गया है. उनके निधन पर सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकीलों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है. बता दें कि जेठमलानी 78 साल तक वकालत के पेशे में सक्रिय रहे. इस दौरान उन्होंने कई ऐसे केस में आरोपियों का बचाव किया जो उस समय किसी वकील के लिए वाकई मुश्किल रहा होगा.
नई दिल्ली: देश के सबसे मशहूर वकीलों में शुमार राम जेठमलानी का आज 95 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन पर देश के तमाम बड़े हस्तियों ने शोक जताया है. 78 साल से अधिक समय तक वकालत करने वाले जेठमलानी का तेवर वकालत छोड़ने से दो साल पहले तक उनके जवानी के दिनों जैसा था. 93 साल की उम्र में भी राम जेठ मलानी जब कोर्ट में अपने मुवक्किल का बचाव करते थे तो उनकी आवाज गूंजती थी.
राम जेठमलानी ने कभी साधारण केस लेना पसंद नहीं किया. वह हमेशा चर्चित और विवादित केस प्राथमिकता के साथ लेते थे. ऐसे केस लेने पर उनसे कई बार सवाल भी पूछे गए. जब भी उनसे कोई इस तरह का सवाल पूछता वह बड़े ही साफगोई के साथ कहते कि एक वकील के तौर पर अपने मुवक्किल का बचाव करना उनका धर्म है.
यहां जानिए उन चर्चित और विवादित केसों के बारे में जिनमें राम जेठमलानी ने पैरवी की-
- राम जेठमलानी को वकालत के पेश में नानावती केस से प्रसिद्धि मिली. यह मामला 1959 का है. नानावटी नेवी अफसर थे जिन्होंने अपनी पत्नी के प्रेमी को गोली मार दी थी. इसके बाद उन्होंने सरेंडर कर अपना अपराध स्वीकार कर लिया था. जेठमलानी ने इस केस में नानावती का बचाव किया था. इसके बाद से जेठमलानी क्रिमिनल लॉ का केस लेने वाले एक प्रमुख चेहरा बन गए.
- हाजी मस्तान केस साल 1984 का मामला है. बता दें कि हाजी मस्तान मुंबई अंडरवर्ल्ड का डॉन था. उसके ऊपर तस्करी के कई मामले दर्ज थे. राम जेठमलानी ने तस्करी के ही एक मामले में उसे बचाने के लिए केस लड़ा था. इसके बाद जेठमलानी ने हवाला स्कैम केस में लाल कृष्ण आडवाणी का बचाव किया था. बता दें कि इस मामले पर से पर्दा 1991 में उठा. इसमें कई बड़े नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स पर पैसे लेने का आरोप लगा था जिसमें बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी का भी नाम था. लाल कृष्ण आडवाणी ने इसके बाद सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था. आडवाणी ने कहा था कि इस केस में जब तक वह बरी नहीं हो जाते तब तक सदन में पैर नहीं रखेंगे.
- राम जेठमलानी ने राजीव गांधी के हत्यारों का भी केस लड़ा. यह मामला मद्रास हाईकोर्ट में चला था. आरोपियों की ओर से वकील के तौर पर पैरवी करते हुए जेठमलानी ने फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कराया था. जेठमलानी ने इंदिरा गांधी के हत्यारों का केस भी लड़ा था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या में फांसी की सजा पाए सतवंत सिंह और केहर सिंह का उन्होंने कोर्ट में बचाव किया था.
- संसद पर हमले के आरोपी आतंकी अफजल गुरु के मामले में भी जेठमलानी ने पैरवी की थी. दरअसल, अफजल को अदालत ने फांसी की सजा दी थी जिसके खिलाफ जेठमलानी ने केस लड़ा. लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद देश के एक और चर्चित मामले जेसिका लाल मर्डर केस में हत्या के आरोपी मनु शर्मा का जेठमलानी ने कोर्ट में बचाव किया था. यह मामला साल 1999 का है.
- यूपीए-2 के शासनकाल में 2जी स्कैम उजागर हुआ. इस मामले में डीएमके नेता करूणानिधि की बेटी कनिमोझी आरोपी थीं. राम जेठमलानी ने कनिमोझी का कोर्ट में बचाव किया था. वहीं, जब हर्षद मेहता ने शेयर बाजार में घोटाला कर देश को चौंका दिया था तब इस केस को भी जेठमलानी ने लड़ा था.
- आसाराम बापू यौन उत्पीड़न के अलग-अलग मामलों में जेल में बंद है. आसाराम बापू के द्वारा यौन उत्पीड़न का जब मामला सामने आया था तब राम जेठमलानी ने कोर्ट में उसके लिए जिरह की थी. चारा घोटाला केस में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव जब मुसीबत में फंसे थे तो उस समय भी राम जेठमलानी ने ही उनका केस लड़ा था. हालांकि, इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली और लालू यादव दोषी करार दिए गए. वहीं, जब तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता आय से अधिक संपत्ति मामले में घिरीं तो उनका बचाव भी जेठमलानी ने किया था.
- बीजेपी नेता अमित शाह जब गुजरात के गृहमंत्री थे तब उनके खिलाफ सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगा था. इस केस में राम जेठमलानी ने अमित शाह का बचाव किया था. बीजेपी के ही एक अन्य नेता बीएस येदियुरप्पा (वर्तमान में कर्नाटक के मुख्यमंत्री) के खिलाफ जब अवैध खनन का मामला सामने आया था तब राम जेठमलानी ने उनका केस लड़ा था.
- दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था. अरविंद केजरीवाल की ओर से राम जेठमलानी ने मुकदमा लड़ा. बाद में यह केस विवादों में आ गया और इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली से माफी मांग ली जिसके बाद ये मामला खत्म हो गया.
- इन चर्चित मामलों के साथ ही राम जेठमलानी ने सहारा-सेबी विवाद में सुब्रत राय का बचाव किया. सीपीआई विधायक कृष्णा देसाई मर्डर केस में शिवसेना की ओर से केस लड़े. नेवी वार रूम लीक केस में भी जेठमलानी ने कोर्ट में जिरह की थी.
- रामदेव के खिलाफ रामलीला मैदान में जब पुलिस ने कार्रवाई की तो इस केस में भी जेठमलानी ने जिरह की. मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे जगन मोहन रेड्डी का केस हो या फिर 2 जी घोटाला में फंसे संजय चंद्रा की बेल का केस, जेठमलानी ने आरोपियों का बचाव किया.
हमेशा कहते- वकील हूं, जज नहीं
जेठमलानी अक्सर बड़े आपराधिक मामलों में आरोपी का बचाव करते हुए नजर आते थे. चर्चा होती कि वह अपराधियों के साथ खड़े होते हैं. लेकिन उनका कहना था, “सही-गलत का फैसला जज का काम है. वकील का काम अपने मुवक्किल के पक्ष को पूरी ईमानदारी से कोर्ट के सामने रखना है.” संसद हमले में अफ़ज़ल गुरु, इंदिरा गांधी हत्याकांड में सतवंत और केहर, जेसिका लाल हत्याकांड में मनु शर्मा, उपहार अग्निकांड में अंसल बंधु, चारा घोटाले में लालू यादव जैसे अनगिनत मामले हैं, जहां जेठमलानी उन लोगों का कोर्ट में बचाव करते आए, जिन्हें समाज का एक बड़ा हिस्सा दोषी मान चुका था.