राजस्थान: 7-9 सितंबर तक आरएसएस और बीजेपी की समन्वय बैठक, स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा मुख्य मुद्दे

केंद्र में दूसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद यह संघ और बीजेपी की पहली समन्वय बैठक है. संघ की तरफ से मोहन भागवत, भैया जोशी तो बीजेपी की तरफ से जेपी नड्डा बीएल सतोष सहित अन्य मौजूद रहेंगे.

नई दिल्ली: राजस्थान के पुष्कर में 7 से 9 सितंबर तक आरएसएस और बीजेपी की समन्वय बैठक शुरू हो रही है. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरी बार बनने के बाद संघ और बीजेपी की यह पहली समन्वय बैठक है. इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. संघ के मुताबिक महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा उनका मुख्य मुद्दा होगा. लेकिन 370 की समाप्ति समेत ट्रिपल तलाक जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.

समन्वय बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, कृष्ण गोपाल और दत्तात्रेय हौसबोले समेत कई प्रचारकों की मौजूदगी रहेगी. साथ ही बीजेपी की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन मंत्री बीएल संतोष बैठक में शामिल होंगे. नड्डा और संतोष दोनों देर शाम जयपुर पहुंच चुके हैं. इस बैठक में राजस्थान बीजेपी की नेता वसुंधरा राजे के अलावा राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री और कुछ अन्य नेता भी शामिल हो सकते हैं.

मौजूदा परिस्थितियों पर गौर करें तो इस बार बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. इससे संघ को भी उम्मीद है कि उन प्रमुख मुद्दों पर इस बार कोई निष्कर्ष निकलेगा जिन मुद्दों पर लंबे समय से आरएसएस जनता में एक मैसेज देने की कोशिश कर रहा है. हाल ही में मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म कर सालों से चल रही संघ की मांग को अमली जामा पहनाया है लेकिन अभी भी संघ के अखंड भारत के सपने को पूरा होने में वक्त है. माना जा रहा है कि संघ इस दिशा में भी चर्चा करेगा.

बैठक का मुख्य एजेंडा

पुष्कर की तीन दिवसीय बैठक में फिलहाल संघ ने देशहित में सामाजिक और आंतरिक विषयों पर ही मुख्य रूप से चर्चा करने की योजना बनाई है. संघ के मुताबिक महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख विषय होगा. साथ ही संघ बैठक के दौरान एक रिपोर्ट पेश करेगा, जिसे दो साल तक अनुसूचित जाति, जनजाति, कामकाजी, घरेलू महिलाओं, युवाओं और ग्रामीणों के बीच एक विशेष सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया है. इस सर्वेक्षण में चार प्रमुख बातें है.

1- राष्ट्रीय सुरक्षा खासकर समुद्री सीमा और स्थलीय सीमा
2- विकास
3- पलायन
4-रोजगार

इन चार विषयों पर प्रमुख रूप से चिंतन होगा. जबकि पिछली समन्वय बैठक के दौरान पर्यावरण, जल संकट, युवाओं में कार्य विस्तार और नई पीढ़ी में संस्कार कार्य विस्तार पर चिंतन किया गया था. उसके बारे में संघ कंहा तक पहुंच सका इसे बैठक के दौरान सार्वजनिक किया जाएगा.

भागवत 11 सितम्बर तक पुष्कर में ही रहेंगे. इस दौरान वे विभिन्न स्तर पर होने वाली बैठकों में शामिल होंगे. बैठक में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य और समाज जीवन के विविध क्षेत्रों सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और शिक्षा सेवा में काम करने 42 प्रकल्पों के करीब 200 अखिल भारतीय पदाधिकारी शामिल होंगे.

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