गगनयान कार्यक्रम के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करेगा रूस- पीएम मोदी

मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रूस गगनयान परियोजना के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा. भारत-रूस अंतरिक्ष सहयोग चार दशक से चल रहा है.

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वलादिवोस्तोक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के महत्वाकांक्षी मानवसहित अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए रूस भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करेगा. गगनयान की पहली उड़ान 2022 में होगी जिसमें तीन अंतरिक्ष यात्री होंगे. अंतरिक्ष यात्रियों को सशस्त्र बलों के टेस्ट पायलटों में से चुना जाएगा. मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रूस गगनयान परियोजना के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा. मोदी और पुतिन दोनों ने गगनयान के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के ढांचे के भीतर किए गए सक्रिय कार्य का स्वागत किया.

पिछले साल पुतिन की भारत यात्रा के दौरान अंतरिक्ष मिशन क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे. भारत और रूस के संयुक्त बयान के अनुसार दोनों देशों ने स्टेट कोर्पोरेशन फॉर स्पेस ऐक्टिविटीज (रॉस्कोसमोस) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच बढ़े सहयोग का स्वागत किया. इनमें मानव अंतरिक्षयान कार्यक्रम और उपग्रह नेविगेशन शामिल हैं. बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि प्रक्षेपण यानों के विकास, निर्माण और विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए अंतरिक्षयान के उपयोग के साथ-साथ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष के अनुसंधान और उपयोग की खातिर भारत और रूस की क्षमता का अधिक से अधिक दोहन करना आवश्यक है.

 

इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली में कहा था कि इसरो ने अपने पहले मानवसहित मिशन के लिए संभावित उम्मीदवारों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके अगले महीने तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. उम्मीदवारों को नवंबर के बाद प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा जाएगा.

गगनयान कार्यक्रम के लिए कुल कोष की जरूरत करीब 10,000 करोड़ रुपये है और इसमें प्रौद्योगिकी विकास, हार्डवेयर और आवश्यक बुनियादी ढांचे के तत्व शामिल हैं. भारत-रूस अंतरिक्ष सहयोग चार दशक से चल रहा है. 2015 में दोनों पक्षों ने रूस (तब सोवियत संघ) के प्रक्षेपण यान सोयुज से भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट के प्रक्षेपण की 40 वीं वर्षगांठ मनायी थी.


PM मोदी ने ट्वीट कर याद किया 18 साल पुराना दौरा और पुतिन का ‘वो साथ’

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने गुजरे 21 साल में रूस और राष्ट्रपति पुतिन के साथ प्रगाढ़ हुए संबंधों का जिक्र भी किया. मोदी की पुतिन के साथ पहली मुलाकात 2001 में रूस में ही हुई थी.

 

2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में रूस के दौरे पर गए थे PM मोदी (फोटो-ट्विटर)
2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में रूस के दौरे पर गए थे PM मोदी (फोटो-ट्विटर)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय 2 दिन के रूस के दौरे पर हैं और बुधवार सुबह प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने शिप बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स का दौरा भी किया. दौरे की व्यस्तता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने गुजरे 21 साल में रूस और राष्ट्रपति पुतिन के साथ प्रगाढ़ हुए संबंधों का जिक्र भी किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में 4 तस्वीरों को भी साझा किया जिसमें उन्होंने 2001 और 2019 की यात्रा के बारे में बताया. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘आज 20वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के दौरान, मेरा मन नवंबर 2001 के भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भी गया, जब अटल जी (अटल बिहारी वाजपेयी) प्रधानमंत्री थे. उस समय, मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए सम्मानित किया गया.’


पीएम मोदी की ओर से किए गए पोस्ट में 4 तस्वीरें भी हैं जिसमें पहली तस्वीर में वह अटल बिहारी वाजपेयी और ब्लादिमीर पुतिन के साथ बैठे हुए हैं और वह एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. कुल 4 तस्वीरों में 2 तस्वीरें 2001 की है जबकि 2 तस्वीरें 2019 की हैं.

बेहद खास रही थी पहली मुलाकात

खास बात यह रही कि 2001 में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ नरेंद्र मोदी की यह पहली मुलाकात थी और तब वह बतौर मुख्यमंत्री रूस गए हुए थे. जबकि इस बार वह पुतिन के साथ बतौर देश के प्रधानमंत्री के रूप में मिले.

इससे पहले रूसी न्यूज एजेंसी तास को दिए अपने साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2001 में पुतिन के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद किया. उन्होंने कहा, ‘ तब (2011) में मैं मास्को पहुंचा तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और हमारी यह पहली मुलाकात थी. लेकिन पुतिन ने यह आभास नहीं होने दिया कि मैं कम महत्वपूर्ण हूं और मैं एक छोटे राज्य से हूं या फिर मैं एक नया व्यक्ति हूं. उन्होंने मेरे साथ मित्रवत व्यवहार किया. परिणाम यह रहा कि दोस्ती के दरवाजे खुल गए.’

मोदी ने याद किया कि उनके और रूसी राष्ट्रपति के बीच पहली मुलाकात के दौरान केवल दो देशों से जुड़े मसलों पर चर्चा ही नहीं हुई बल्कि अपनी रुचि और दुनिया की अन्य समस्याओं के बारे में भी बात हुई थी. हमने अपने लोगों की तरह खुलकर बात की. उनके साथ बात करना मेरे लिए बेहद खास रहा.

अगले साल फिर रूस जाएंगे मोदी

दोनों देशों के शीर्ष नेताओं और समझौतों के बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि दोनों देशों के बीच कुल 15 MoU पर साइन हुए हैं. प्रधानमंत्री मोदी अगले साल मई में फिर रूस के दौरे पर जाएंगे. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें वर्ल्ड वॉर-2 में रूस की जीत के 75 साल पूरे होने वाले जश्न में न्योता दिया है.

रूस के व्लादिवोस्तोक में मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं में गजब की केमेस्ट्री भी दिखी. इससे पहले पीएम मोदी का पुतिन ने गले लगाकर स्वागत किया. फिर बाद में दोनों नेता जहाज में साथ घूमते दिखे. दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिसमें रक्षा, व्यापार, पर्यटन और ऊर्जा से जुड़े क्षेत्र अहम रहे.

 

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