नए UAPA एक्ट के तहत मसूद अजहर, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और लखवी आतंकवादी घोषित

नए UAPA एक्ट के मुताबिक अकेले व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जा सकता है. पहले सिर्फ केवल किसी समूह को आंतकी घोषित किया जा सकता था.

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नई दिल्ली: संशोधित आतंकवादी विरोधी कानून , UAPA एक्ट के तहत मसूद अजहर, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और जकीउर रहमान लखवी को आतंकी घोषित किया गया. भारत सरकार की ओर से राजपत्र जारी कर इसका एलान किया गया. बता दें कि हाल ही में सराकर ने यूएपीए एक्ट में संशोधन किया था. इसके मुताबिक अब आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने की आशंका के आधार पर किसी अकेले व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जा सकता है. पहले सिर्फ किसी समूह को आंतकी घोषित किया जा सकता था.

कौन है मसूद अजहर ?
मोहम्मद मसूद अजहर अल्वी जिसे मसूद अजहर के नाम से जाना जाता है. इसका जन्म 10 जुलाई, 1968 को बहावलपुर में हुआ जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है. इस आतंकी की राष्ट्रीयता पाकिस्तानी है. हालांकि इसके राष्ट्रीय पहचान पत्र संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बता दें कि वह अपने माता-पिता का तीसरा बच्चा है. उसके 4 भाई और 6 बहनें हैं. अजहर के पिता अल्लाह बख्श शब्बीर एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे. 1999 IC-814 हाईजैक, 2001 जम्मू और कश्मीर विधानसभा पर हमला, 2001 संसद हमला, 2014-15 के दौरान कश्मीर में हमला, 2016 पठानकोट हमला, 2016 नगरोटा हमला, 2016 का उरी हमला और 2019 पुलवामा हमले में मसूद अजहर मुख्य साजिशकर्ता है.

 

नए और पुराने UAPA एक्ट में क्या अंतर है?

 

1- कौन हो सकता है आंतकी घोषित
अभी केवल किसी समूह को आंतकी घोषित किया जाता है जबकि नए कानून के मुताबिक आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने की आशंका के आधार पर किसी अकेले व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जा सकता है.

 

2- कैसे होगी संपत्ति जब्त
दूसरा बदलाव आतंकी घोषित होने के बाद संपत्ति जब्त करने को लेकर है. मौजूदा कानून के मुताबिक एक जांच अधिकारी को आंतकी से संबंधित संपत्ति को जब्त करने के लिए राज्य पुलिस के महानिदेशक का परमिशन लेने की आवश्यक्ता होता है जबकि अब नए बिल में प्रावधान हैं कि आतंकवादी गतिविधि पर संपत्ति जब्त करने से पहले एनआईए को अपने महानिदेशक से मंजूरी लेनी होगी.

 

3-कौन कर सकता है जांच
मौजूदा कानून के मुताबिक उप पुलिस अधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त या इससे ऊपर रैंक के अधिकारी ही मामले की जांच कर सकते हैं. जबकि नए बिल में प्रावधान है कि आतंकवाद के मामले में एनआईए का इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी भी जांच कर सकेगा. इसके अलावा आतंकी घोषित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद कानून के बिंदुओ को भी जोड़ा जाएगा.

 

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