ITR के लिए अब सिर्फ तीन दिन, इन 5 आम गलतियों से बचकर रहें

अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न नहीं दाखिल कर पाए हैं, तो अब भी मौका है, इसे तत्काल कर लें. आयकर रिटर्न का फॉर्म आपको बहुत सावधानी से भरना होगा. कुछ गलतियों से बचकर आप सही तरीके से रिटर्न का फॉर्म भर सकते हैं

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  • ITR दाखिल करने के लिए 31 अगस्त तक का ही समय है
  • आईटीआर दाखिल नहीं किया तो लग सकता है 5 हजार तक का जुर्माना
  • गलत आईटीआर फॉर्म भरने से बचना चाहिए

नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाख‍िल करने के लिए 31 अगस्त तक का ही समय है यानी आज को लेकर तीन दिन ही बचे हैं. जो लोग अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न नहीं दाखिल कर पाए हैं, उनके लिए अब भी मौका है, इसे तत्काल कर लें. आईटीआर दाखिल करना अब ऑनलाइन होने से काफी आसान हो गया है, इसके बावजूद अगर आपको दिक्कत महसूस हो रही हो तो किसी चार्टर्ड एकाउंटेंट की मदद लेनी चाहिए. अगर आप टैक्स के दायरे में आते हैं और आपने आईटीआर दाखिल नहीं किया तो आपके ऊपर इनकम टैक्स विभाग 5 हजार रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है.

आयकर रिटर्न का फॉर्म आपको बहुत सावधानी से भरना होगा. आपकी सुविधा के लिए हम ऐसी पांच आम गलतियों के बारे में बता रहे हैं जो अक्सर लोग करते हैं. ऐसी गलतियों से बचकर आप सही तरीके से रिटर्न का फॉर्म भर सकते हैं.

1.गलत आईटीआर फॉर्म भरना

टैक्स और निवेश सलाहकार बलवंत जैन बताते हैं, ‘सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि आपको कौन-सा आईटीआर फॉर्म भरना है. गलत फॉर्म भरा तो पूरी कवायद का कोई फायदा नहीं होगा. ज्यादातर लोगों को आईटीआर-1 भरना होता है, जिसे सहज कहा जाता है. अगर आप ऐसे इंडिविजुअल टैक्सपेयर हैं जिनकी कुल सालाना आय 50 लाख रुपये से कम (सभी स्रोतों से) है तो आपको यह फॉर्म भरना होगा.  लेकिन अगर 50 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय है, एक से ज्यादा हाउिसंग प्रॉपर्टी है, किसी कंपनी में डायरेक्टरशिप है, कैपिटल गेन्स से इनकम है, विदेश से कोई इनकम है तो आपको ITR-2 भरना होगा.’ किसी कारोबार या प्रोफेशन से आय करने वाले इंडिविजुल्स या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) को  ITR-3 दाखिल करना होता है.

2. अन्य स्रोत से हुई आय को न बताना

सैलरी या कारोबार के मुख्य आय के अलावा आपको अन्य स्रोतों से होने वाली आय को भी जरूर बताना चाहिए. सेविंग बैंक का इंट्रेस्ट सामान्य लोगों के लिए 10,000 रुपये और सीनियर सिटीजन के लिए 50,000 तक टैक्सेबल आय से मुक्त है, लेकिन इसकी जानकारी आपको इनकम में दिखाकर डिडक्शन क्लेम करना होता है. एफडी पर टीडीएस कटा है तो उसके बारे में भी आपको जानकादी देनी चाहिए. अगर आप जानकारी छिपाएंगे तो पेनाल्टी भी लग सकती है. यह टैक्स चोरी का 50 से लेकर 200 फीसदी तक हो सकती है.

नाबालिग बच्चों की आय की भी जानकारी जरूर देनी चाहिए. माइनर की एक्टिव इनकम है जैसे किसी टीवी शो से आय तो वह बच्चे के लिए टैक्सेबल होगी, लेकिन पैसिव इनकम है, जैसे उसके नाम पर किसी निवेश से आय है तो यह सालाना 1500 रुपये तक की कर मुक्त है, उससे ज्यादा होने पर मां या बाप की आय में (जिसकी भी आय ज्यादा होती है) जुड़ेगा.

लोग म्युचुअल फंड या शेयरों से होने वाले कैपिटल गेन्स बताना कई बार भूल जाते हैं, कैपिटल गेन्स का विवरण भरते समय सैलरीड लोग ज्यादा गलती करते हैं, क्योंकि उनके लिए इसकी जानकारी काफी जटिल लगती है. इसलिए अगर आपकी कैपिटल गेन्स से इनकम है तो किसी प्रोफेशनल सीए की मदद जरूर लेनी चाहिए.

3. एक से ज्यादा मकान की जानकारी न देना

एक से ज्यादा मकान है तो आईटीआर-1 फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते. आपको ITR-2 भरना होगा. अगर एक से ज्यादा मकान का सेल्फ ऑक्यूपेशन है तो पिछले साल के नियम के मुताबिक सिर्फ एक ही मकान के लिए छूट मिलेगी, दूसरे मकान के लिए मार्केट रेट पर रेंटल इनकम बतानी होगी जिस पर 30 फीसदी का डिडक्शन भी मिलता है.

4. कॉन्टैक्ट डिटेल अपडेट न करना

यह बहुत ही जरूरी है कि आप अपना ई-मेल आईडी और फोन नंबर अपडेट करें. आजकल आयकर विभाग संपर्क ई-मेल या फोन के द्वारा ही करता है. यह ध्यान रखें कि एम्प्लॉयर के द्वारा मिला ई-मेल आईडी या फोन नंबर न दें बल्कि अपना पर्सनल ई-मेल या फोन नंबर दें, क्योंकि नौकरी छूटने पर आपका पर्सनल कॉन्टैक्ट ही काम आएगा.

5. सभी बैंक खातों का विवरण न देना  

सभी बैंक अकाउंट की डिटेल इनकम टैक्स रिटर्न में देनी चाहिए. आईटीआर के फॉर्म में डिटेल भरें तो उसमें बैंक अकाउंट बहुत सावधानी से भरें क्योंकि आजकल रिफंड सीधे अकाउंट में ही ऑनलाइन आता है. इसलिए आईटीआर में यह विवरण देना होता है कि आप रिफंड कौन-से अकाउंट में चाहते हैं. अगर गलती की तो दोबारा प्रोसेस करने में काफी दिक्कत आएगी.

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