कश्मीर पर ‘सुप्रीम’ दिन, धारा 370 पर एक साथ सुनी जाएंगी 14 याचिकाएं

जम्मू-कश्मीर को लेकर आज बड़ा दिन है. देश की सर्वोच्च अदालत में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 कमजोर किए जाने के खिलाफ आज 14 याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. इनमें कुछ याचिका कश्मीर में लगी पाबंदियों को हटाने के लिए भी है. दूसरी ओर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी है, बताया जा रहा है कि मोदी सरकार कश्मीर के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है.

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जम्मू-कश्मीर को लेकर आज बड़ा दिन है. देश की सर्वोच्च अदालत में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 कमजोर किए जाने के खिलाफ आज 14 याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. इनमें कुछ याचिका कश्मीर में लगी पाबंदियों को हटाने के लिए भी है. दूसरी ओर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी है, बताया जा रहा है कि मोदी सरकार कश्मीर के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है.

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया. तभी से इस फैसले की चर्चा है, कई लोग केंद्र के इस फैसले की आलोचना भी कर रहे हैं. अब इसी के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, अभी कई ग्रुप, व्यक्तियों ने अदालत में याचिका डाली है, जिनकी सुनवाई आज ही एक साथ होगी.

सुप्रीम कोर्ट में ये याचिकाएं मोहम्मद अकबर लोन, जस्टिस (रिटायर्ड) हसन मसूदी, शाह फैसल, शेहला रशीद, सीताराम येचुरी द्वारा दायर की गई हैं. हालांकि, इन सभी के मुद्दे अलग-अलग हैं, कुछ याचिका अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ है. कुछ उसके पुनर्गठन के खिलाफ तो कुछ अभी तक घाटी में जारी पाबंदियों के खिलाफ दायर की गई हैं. इन याचिकाओं की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच करेगी.

मोदी सरकार कर सकती है स्पेशल पैकेज का ऐलान
एक ओर सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर को लेकर बड़ा दिन है. तो वहीं केंद्रीय कैबिनेट की भी बैठक है, इस बैठक में कश्मीर पर बड़ा ऐलान हो सकता है. सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर में विकास की नई नीतियों, योजनाओं को लागू करने के लिए केंद्र बड़े पैकेज का ऐलान कर सकती है. गौरतलब है कि नई व्यवस्था के बाद 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो नए केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे. राज्य में 31 अक्टूबर, 2019 से 106 केंद्रीय कानून पूरी तरह लागू हो जाएंगे, लेकिन 30 अक्टूबर तक केंद्र और राज्य के कानून लागू रहेंगे.

सीताराम येचुरी की याचिका भी सुनवाई की लिस्ट में

विधानसभा के प्रस्ताव के बिना राज्य को 2 हिस्सों में बांटने को भी अवैध कहा गया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबड़े और एस अब्दुल नज़ीर की बेंच इसके साथ ही राज्य में धारा 144 लगाने, मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद करने जैसी बातों से लोगों को हो रही दिक्कत पर भी सुनवाई करेगी. सीपीएम नेता यूसुफ तारिगामी को हिरासत में रखे जाने के खिलाफ उनकी पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी की याचिका भी सुनवाई की लिस्ट में है.

संवैधानिक दर्जे में केंद्र द्वारा किये गए बदलावों को चुनौती

अनुच्छेद 370 रद्द करने के फैसले के खिलाफ याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की है, जबकि नेशनल कांफ्रेंस सांसद मोहम्मद अकबर लोन और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में केंद्र द्वारा किये गए बदलावों को चुनौती दी है. पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद और राधा कुमार जैसे प्रख्यात हस्तियों सहित अन्य भी इसमें शामिल हैं.

केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया था.

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