नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘हमेशा खलनायक की तरह पेश नहीं करने’ से जुड़े जयराम रमेश के बयान का खुलकर समर्थन करने के कारण अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं के निशाने पर आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, वह मोदी सरकार की रचनात्मक आलोचना करते रहे हैं और कांग्रेसजनों को उनके रुख का सम्मान करना चाहिए. केरल कांग्रेस की ओर से उनसे स्पष्टीकरण मांगे जाने की खबर सामने आने के बाद थरूर ने कहा, ”मैं मोदी सरकार का कटु आलोचक रहा हूं और मैं उम्मीद करता हूं कि यह रचनात्मक आलोचना रही है. समावेशी मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों का बचाव करते हुए मैं तीन चुनाव जीता हूं. मैं कांग्रेस के साथियों से आग्रह करता हूं कि मुझे असहमत होने के बावजूद वे मेरे रुख का सम्मान करेंगे.”
इससे पहले, कांग्रेस की केरल इकाई ने थरूर से उनकी इस टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण मांगने का निर्णय किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सही चीजें करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की जानी चाहिए. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसी) के प्रमुख मुल्लापल्ली रामचन्द्रन ने कन्नूर में कहा कि विभिन्न पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनसे संपर्क कर थरूर द्वारा मोदी की सराहना किए जाने की शिकायत की है. उन्होंने कहा कि वह उस परिस्थिति से अनभिज्ञ हैं जिसमें थरूर ने मोदी के समर्थन में टिप्पणी की. पूर्व मंत्री को यह स्पष्टीकरण देना चाहिए कि किस बात के चलते उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपना पूर्व रुख बदल दिया.
दरअसल, यह पूरा मामला कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बयान से शुरू हुआ. रमेश ने गत बुधवार एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन का मॉडल ‘पूरी तरह नकारात्मक गाथा’ नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करके और हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है. बाद में थरूर और अभिषेक मनु सिंघवी सरीखे नेता रमेश के बयान के समर्थन में सामने आए और कहा कि व्यक्ति की नहीं, बल्कि सरकार की नीतियों और गलतियों की आलोचना होनी चाहिए.