देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य का निधन
उत्तराखंड और देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य का सोमवार देर रात निधन हो गया. उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है.
देहरादून। उत्तराखंड और देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य का सोमवार देर रात निधन हो गया. उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से बीमार थीं. उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली.
1973 बैच की महिला आईपीएस अफसर कंचन चौधरी भट्टाचार्य ने साल 2004 में उस वक्त इतिहास रचा था जब वह उत्तराखंड की पुलिस महानिदेशक बनीं. 31 अक्टूबर 2007 को वे पुलिस महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुईं.
उड़ान की मंज़िल’
एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से भारतीय पुलिस सेवा तक का सफ़र तय करने वाली कंचन चौधरी के जीवन पर ही बहुचर्चित धारावाहिक ‘उड़ान’ बना था.
मेरा ध्यान जनता की तक़लीफों को दूर करने पर तो होगा ही मैं ये भी देखूंगी कि आम पुलिसकर्मियों की मुश्किलें भी दूर हों ताकि उनमें हीन भावना न आए
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इसके अलावा उसकी निर्देशक कोई और नहीं बल्कि कंचन की बहन कविता चौधरी ही थीं और तो और ‘उड़ान’ में संघर्षशील पुलिस अधिकारी के रूप में उनका किरदार भी कविता ने ही निभाया था.
ये पूछे जाने पर कि क्या ‘उड़ान’ को मंज़िल मिल गई है तो इस पर उनका कहना था “इसे मंज़िल मैं तब समझूंगी जब सोचे हुए पर ठीक से अमल कर पाऊं.”
कंचन चौधरी के पति एक मशहूर उद्योगपति हैं और उनकी दो बेटियाँ हैं जो विदेश में शिक्षा ले रही हैं.
इस लिहाज़ से सुव्यवस्थित जीवन के समांतर पुलिस की तनाव भरी नौकरी में वह कैसे सामंजस्य बनाती हैं और वो भी तब जब वो एक महिला हैं.
इस पर कंचन का कहना है “इकत्तीस साल पहले जब नौकरी शुरू की थी तब कुछ असहजता होती थी लेकिन जब धीरे-धीरे समझ में आता गया कि इसी के बीच नौकरी करनी और आगे बढ़ना है तब सारे क्लेश मिटते गए”
कंचन चौधरी पिछले साल ही उत्तरांचल की तैनाती पर आईं थीं. इससे पहले वह मुंबई में सीआईएसएफ में महानिरीक्षक थीं. वह यूपी कैडर की थीं लेकिन बाद में उन्होंने उत्तरांचल कैडर ले लिया था.