झारखंड: कांग्रेस ने रामेश्वर उरांव को दी प्रदेश अध्यक्ष की कमान, विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लिया फैसला

लोकसभा चुनाव में हार के बाद डॉ अजय कुमार ने झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. तभी से इस पद के लिए कांग्रेस को ऐसे चेहरे की तलाश थी, जो विधानसभा चुनाव में उसकी नैय्या पार लगा सके.

 

नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज झारखंड संगठन में बड़े बदलाव किये. उन्होंने रामेश्वर उरांव को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. वहीं कमलेश महतो, इरफ़ान अंसारी, मान सिन्हा, संजय पासवान और राजेश ठाकुर को बतौर कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

इसके साथ ही पार्टी ने पांच कार्यकारी अध्यक्ष का भी ऐलान किया है. कमलेश महतो, इरफ़ान अंसारी, मानस सिन्हा, संजय पासवान, राजेश ठाकुर.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार के इस्तीफे के बाद लगातार चर्चा हो रही थी कि अगला अध्यक्ष कौन होगा. इसी साल झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाला है. इससे पहले कांग्रेस तैयारियों में जुट गई है. सूत्रों के अनुसार पार्टी ने आदिवासी मुस्लिम का कॉम्बिनेशन रखा  है. पार्टी अपना वोटबैंक जानती है और पार्टी चुनाव में एक बार फिर उसी तरफ फोकस करेगी. झारखंड में अभी विधायक दल के नेता आलमगीर आलम है लेकिन सारे समीकरण को दरकिनार करते हुए आदिवासी चेहरे को अध्यक्ष का ताज दिया.
डॉ. रामेश्वर उरांव मनमोहन सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. अर्थशास्त्र में पीएचडी डॉ उरांव पांर्टी को राज्य में कितना मजबूत कर सकेंगे यह आने वाला वक्त तय करेगा लेकिन जिन हालातों में अजय कुमार ने इस्तीफा दिया उससे पार्टी के कार्यकर्ता को एकजुट करने में परेशानी जरूर होगी . डॉ  उरांव 14 फरवरी 1947 को पलामू के चियांकी में पैदा हुए थे. 7 अप्रैल, 2008 को रामेश्वर उरांव ने मनमोहन सिंह सरकार के तहत पहली कैबिनेट में एक आदिवासी मामलों के मंत्री के रूप में शपथ ली थी. मनमोहन सिंह सरकार में वे अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमैन भी रहे हैं

 

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद झारखंड के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. आईपीएस अधिकारी रह चुके कुमार ने इस्तीफे के साथ प्रदेश के कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे.

 

उन्होंने कहा था, ‘‘मैंने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए पूरी मेहनत की, लेकिन मेरे प्रयास को कुछ लोगों ने अवरुद्ध करने का काम किया. तमाम अवरोधों के बावजूद और ‘तथाकथित नेताओं’ के सहयोग के बिना इस बार के चुनाव में कांग्रेस के मत प्रतिशत में 2014 की तुलना में 12 फीसदी का उछाल आया.’’

 

अजय कुमार ने यह भी दावा किया था, ‘‘हमारे यहां ओछे स्वार्थ वाले नेताओं की एक लंबी सूची है. उनका एकमात्र उद्देश्य सत्ता हथियाना, टिकट बेचना या चुनाव के नाम पर धन एकत्र करना है. मैं आत्मविश्वास से कह सकता हूं कि खराब से खराब अपराधी भी मेरे इन सहयोगियों से बेहतर दिखते हैं.’’

झारखंड में इसी साल विधानसभा होंगे. सूबे में बीजेपी सत्ता में है. लोकसभा चुनाव में झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के साथ गठबंधन के बावजूद पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. अब सोनिया गांधी ने संगठन में बड़े बदलाव किए हैं. झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी के पास 43 और आजसू के पास तीन सीटें हैं. वहीं जेएमएम 19, कांग्रेस 8, जेवीएम दो सीट जीतकर विपक्ष में है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.