मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाई गई, अब जेड प्लस सिक्योरिटी कवर में रहेंगे

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा- समय-समय पर सुरक्षा समीक्षा की जाती है, मनमोहन यूपीए शासनकाल में 10 साल प्रधानमंत्री रहे, हाल ही में वे फिर राज्यसभा सांसद चुने गए

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नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री की एसपीजी सुरक्षा हटाने का फैसला किया है। हालांकि, उनका जेड प्लस सिक्योरिटी कवर जारी रहेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। होम मिनिस्ट्री का बयान उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आया है, जिनमें कहा गया था कि केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा कम करने जा रही है। मनमोहन यूपीए शासनकाल में 10 साल प्रधानमंत्री रहे। हाल ही में वे फिर राज्यसभा सांसद चुने गए हैं।

सुरक्षा की समीक्षा प्रक्रिया के तहत
सिंह की सुरक्षा से जुड़ा मामला हाल ही उठा। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया कि मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री को मिलने वाली सुरक्षा पर पुनर्विचार कर रही है। गृह मंत्रालय ने कहा, “संबंधित एजेंसियां समय-समय पर सुरक्षा की समीक्षा करती हैं।

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इसमें खतरे की आशंका पर विभिन्न एजेंसियां का आकलन सम्मिलत रहता है। मनमोहन सिंह को जेड प्लस सिक्योरिटी जारी रहेगी।” जेड प्लस सिक्योरिटी के तहत मनमोहन की सुरक्षा में सीआरपीएफ कमांडो तैनात रहेंगे। एसपीजी अब उन्हें सुरक्षा नहीं देगी। एसपीजी देश की उच्चतम सुरक्षा श्रेणी है। इसमें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गांधी परिवार यानी सोनिया, राहुल और प्रियंका ही रहेंगे।

  • एसपीजी का गठन 1985 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था। 1988 में इससे संबंधित कानून संसद ने पास किया। उक्त कानून में पूर्व प्रधानमंत्रियों को इस सुरक्षा का पात्र नहीं माना गया था। वीपी सिंह सरकार ने 1989 में इसी आधार पर राजीव गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी।

 

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  • 1991 में राजीव की हत्या हो गई। इसके बाद एसपीजी कानून में संशोधन किया गया। संशोधित कानून में प्रावधान था कि पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों को पद से हटने के 10 साल बाद तक एसपीजी कवर मिलेगा। वाजपेयी सरकार ने एसपीजी सुरक्षा का रिव्यू किया।
  • तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों नरसिम्हा राव, एचडी देवेगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल की एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई। 2003 में इस कानून में पुन: संशोधन किया गया, ये अब तक लागू है। इसके अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री को पद छोड़ने के एक साल बाद तक ही एसपीजी सिक्योरिटी कवर मिलेगा।

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कानून के मुताबिक, मनमोहन को पद छोड़ने के एक साल बाद तक ही एसपीजी सुरक्षा मिलनी चाहिए थी। यानी उनकी एसपीजी सुरक्षा 2015 में हटा ली जानी चाहिए थी लेकिन 4 साल बाद सरकार ने यह फैसला लिया। सिंह के साथ पत्नी गुरुशरण कौर और बेटी को भी एसपीजी कवर मिलता था। बेटी ने स्वेच्छा से 2014 में यह सिक्योरिटी कवर वापस कर दिया था।

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राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित
2004 से 2014 तक देश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए गठबंधन सरकार रही। मनमोहन सिंह 10 साल प्रधानमंत्री रहे। हाल ही में वे राजस्थान से राज्यसभा के लिए पुर्ननिर्वाचित हुए हैं। भाजपा ने कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं उतारा। मनमोहन पहले असम से राज्यसभा सांसद थे।

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