BJP नेताओं के निधन पर साध्वी प्रज्ञा का शक, विपक्ष कर रहा मारक शक्ति का इस्तेमाल

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने शंका जाहिर करते हुए कहा कि विपक्ष बीजेपी नेताओं पर मारक शक्ति का इस्तेमाल कर रहा है, जिस कारण उनकी असमय मृत्यु हो रही है.

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भोपाल । भोपाल सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने विपक्ष पर बड़ा आरोप लगाया है. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने शंका जाहिर करते हुए कहा कि विपक्ष बीजेपी नेताओं पर मारक शक्ति का इस्तेमाल कर रहा है, जिस कारण उनकी असमय मृत्यु हो रही है. साध्वी प्रज्ञा ने दावा किया कि एक संन्यासी ने मुझसे कहा था कि बीजेपी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है.

 

दरअसल, राजधानी भोपाल के प्रदेश बीजेपी कार्यालय में सोमवार को पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के लिए श्रद्धांजलि सभा रखी गयी थी. इसमे प्रदेश बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने शिरकत की और दिवंगत नेताओं के लिए अपनी अपनी बातें सामने रखीं.इसी कड़ी में जब भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की बारी आई तो उन्होंने बीजेपी नेताओं के निधन पर विपक्ष द्वारा भाजपा के नेताओ पर मारक शक्ति के प्रयोग की आशंका जताई.

बता दें, 66 वर्षीय जेटली का शनिवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उन्हें नौ अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का रविवार को रिश्तेदारों, विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं, सैकड़ों प्रशंसकों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ यहां निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जेटली के बेटे रोहन ने जैसे ही चिता को मुखाग्नि दी तो आसमान भी रो पड़ा और पानी बरसने लगा. भाजपा के कद्दावर नेता को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों शोकाकुल लोग यमुना नदी के किनारे बने निगमबोध घाट पर एकत्रित हुए. वरिष्ठ नेताओं ने पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और अंतिम संस्कार से पहले उन्हें बंदूकों से सलामी दी गई. इनके अलावा हालही पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबुलाल गौर का भी निधन हुआ है.

अब जानिए, क्या है मौत की सच्चाई, कैसे होती है मृत्यु

मौत एक ऐसी सच्चाई जिसे कोई झूठला नहीं सकता। एक न एक दिन मौत सभी को आनी है। इस सच्चाई को जानते हुए भी हम मौत से घबराते हैं। आखिर क्या है मौत का राज? क्यों होती किसी की मृत्यु? यह वह सवाल है जो मानव मस्तिष्क को हमेशा परेशान करते आए हैं।
अगर आध्यात्मिक रूप से देखा जाए तो मौत का अर्थ है शरीर से प्राण अर्थात आत्मा का निकल जाना। इसके बिना शरीर सिर्फ भौतिक वस्तु रह जाता है। इसे ही मौत कहते हैं। जबकि विज्ञान की दृष्टि से मृत्यु का अर्थ कुछ अलग है। उसके अनुसार शरीर में दो तरह की तरंगे होती हैं भौतिक तरंग और मानसिक तरंग। जब किसी कारणवश इन दोनों का संपर्क टूट जाता है तो व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। साधारणत: मौत तीन प्रकार से होती है- भौतिक, मानसिक तथा अध्यात्मिक।
किसी दुर्घटना या बीमारी से मृत्यु का होना भौतिक कारण की श्रेणी में आता है। इस समय भौतिक तरंग अचानक मानसिक तरंगों का साथ छोड़ देती है और शरीर प्राण त्याग देता है। जब अचानक किसी ऐसी घटना-दुर्घटना के बारे में सुनकर, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती, मौत होती है तो ऐसे समय में भी भौतिक तरंगें मानसिक तरंगों से अलग हो जाती है और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। यह मृत्यु का मानसिक कारण है।
मौत का तीसरा कारण आध्यात्मिक है। आध्यात्मिक साधना में मानसिक तरंग का प्रवाह जब आध्यात्मिक प्रवाह में समा जाता है तब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है क्योंकि भौतिक शरीर अर्थात भौतिक तरंग से मानसिक तरंग का तारतम्य टूट जाता है। ऋषि मुनियों ने इसे महामृत्यु कहा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार महामृत्यु के बाद नया जन्म नहीं होता और आत्मा जीवन-मरण के बंधन से मुक्त हो जाती है।

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