नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर अरुण जेटली का शनिवार को एम्स में निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे। अस्वस्थ जेटली का कई सप्ताह से एम्स में इलाज चल रहा था। जेटली को सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद नौ अगस्त को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। करीब पांच दशकों तक राजनीतिक में सक्रिय रहे जेटली लोकसभा चुनाव कभी जीत नहीं पाए। अपनी राजनीतिक पारी में सिर्फ एक बार वह छात्र जीवन में ही चुनाव जीतने में सफल हो पाए थे।
Delhi: Mortal remains of former Union Finance Minister Arun Jaitley being taken to his residence from All India Institutes of Medical Sciences, where he passed away, earlier today. pic.twitter.com/LBfXddIDSR
— ANI (@ANI) August 24, 2019
जेटली ने अपने जीवन का एक मात्र चुनाव 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष का जीता है। लोकसभा चुनाव 2019 में जेटली स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय नहीं थे, लेकिन लोकसभा चुनाव 2014 में उन्होंने पंजाब के अमृतसर से आम चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
हालांकि 30 सालों तक बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार रहे जेटली को कई राज्यों में कमल खिलाने का श्रेय जाता है। इसके अलावा 1990 के दशक में एनडीए का कुनबा बढ़ाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विभाजन के बाद लाहौर से भारत आए एक सफल वकील के बेटे जेटली ने कानून की पढ़ाई की थी। जब देश में आपातकाल लागू हुआ तब वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे।
विश्वविद्यालय परिसर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की सजा उन्हें 19 महीने जेल में रह कर काटनी पड़ी।आपातकाल हटने के बाद उन्होंने वकालत शुरू की और 1980 में दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल द्वारा इंडियन एक्सप्रेस की इमारत को गिराने के फैसले को चुनौती दी।
इस दौरान वह रामनाथ गोयनका, अरुण शौरी और फली नरीमन के संपर्क में आए। बोफोर्स मामले में विश्वनाथ प्रताप सिंह की नजर पड़ी जिन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद जेटली को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया। वह इस पद पर काबिज होने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे।
जेटली हमेशा से जननेता की जगह रणनीतिकार के तौर पर उभरे। 1990 के दशक में बीजेपी में उनकी तुलना दिवंगत नेता प्रमोद महाजन से होने लगी थी। 1999 के लोकसभा चुनाव के समय उन्हें बीजेपी का मुख्य प्रवक्ता बनाया गया। 2002 में पार्टी में उनकी जिम्मेदारी बढ़ाते हुए महासचिव नियुक्त किया। बिहार विधानसभा चुनाव 2005 के समय जब वह बिहार बीजेपी के प्रभारी थे तो उनके नेतृत्व में बीजेपी पहली बार जेडीयू के साथ सरकार बनाने में सफल रही और 15 सालों से चले आ रहे लालू यादव के शासन का अंत हुआ।
साल 2006 में प्रमोद महाजन की हत्या के बाद जेटली बीजेपी के मुख्य संकटमोचक बनकर उभरे। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में दक्षिण में बीजेपी का कमल खिलाने का श्रेय भी जेटली को गया। इसके बाद जब बीजेपी ने 2009 में वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया गया तो जेटली चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष भी बने। हालांकि उस चुनाव में बीजेपी की सीटें घट गई थीं। लेकिन बीजेपी के करारी हार के बावजूद जेटली के कद में कोई कमी नहीं आई, उन्हें राज्यसभा में पार्टी का नेता बना दिया गया।
जानिए अरुण जेटली के परिवार में कौन क्या करता है
भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का आज निधन हो गया। जेटली ने दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। जेटली 66 वर्ष के थे। भाजपा के कद्दावर नेता के निधन से राजनीतिक खेमे में दुख की लहर दौड़ गई।
राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित विभिन्न पार्टियों के बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री मंत्री का इलाज कई सप्ताह से एम्स में चल रहा था, जहां उन्होंने आज शनिवार दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर आखिरी सांस ली। वह 66 वर्ष के थे।
1952 को जन्मे अरुण जेटली के पिता भी वकील थे। अरुण जेटली के पुत्र और पुत्री दोनों ही वकील हैं। अरुण जेटली का पूरा नाम अरुण महाराज किशन जेटली है। उन्हें कुशल वक्ता और रणनीतिकार के रूप में याद आते रहेंगे। वह भारतीय जनता पार्टी के संकटमोचक थे।
अरुण जेटली का जन्म दिल्ली में 28 दिसंबर 1952 को हुआ था। पिता महाराज किशन जेटली अपने समय के नामी वकील थे। मां का नाम रतन प्रभा जेटली था। अरुण जेटली की पत्नी संगीता जेटली कांग्रेस के दिग्गज नेता की बेटी हैं। अरुण जेटली के पुत्र रोहन जेटली और पुत्री सोनाली जेटली बख्शी दोनों नामी वकील हैं।
अरुण जेटली की पढ़ाई सेंट जेवियर स्कूल दिल्ली में हुई थी। अरुण जेटली दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री ली और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही लॉ की डिग्री हासिल की। अरुण जेटली की शादी 1982 को संगीता जेटली से हुई थी।
अरुण जेटली की बेटी सोनाली 2015 में अपनी शादी को लेकर चर्चा में आई थीं। उनकी शादी बिजनेसमैन और लॉयर जयेश बख्शी से हुई है। शादी में शाहरुख खान और फिल्म इंडस्ट्री के कई जाने माने सितारे शामिल हुए थे।
अरुण जेटली खुद, पिता और बेटा व बेटी वकील
अरुण जेटली के बेटे रोहन भी पिता की तरह वकील हैं। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल आरके पुरम से की है, जिसके बाद एमिटी लॉ स्कूल से लॉ में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। न्यूयॉर्क की कार्नेल यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर की डिग्री ली। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह साल 2014 में भारत लौटे, जिसके बाद उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मेंबरशिप ली। साल 2014 में उन्होंने बतौर वकील सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी।