नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने INX मीडिया मामले में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को बृहस्पतिवार को चार दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में सौंप दिया. पी चिदंबरम मामले को लेकर राजनीतिक गलियारा भी गर्माया हुआ है. मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने सामने आ गए हैं. इसी बीच कुमार विश्वास ने पी चिदंबरम के मामले में अपने ही अंदाज में चुटकी ली है.
बुधवार को पी चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर जिस तरह की गहमा गहमी रही, उसी दौरान कुमार विश्वास ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि ‘तोता’ किसी का नहीं ‘होता’. हालांकि उनके ट्वीट में चिदंबरम या सीबीआई के किसी फैसले का कोई जिक्र नहीं है. लेकिन उनकी इस टिप्पणी को आईएनएक्स मामले से जोड़कर देखा जा रहा है. गौर हो कि यूपीए सरकार के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई सरकार का तोता है. यूपीए-2 सरकार में पी चिदंबरम केंद्रीय मंत्री थे. कुमार विश्वास ने अपने ट्वीट में लिखा मॉरल ऑफ द स्टोरी- ‘तोता’ किसी का नहीं ‘होता’.
Moral of the story- “तोता” किसी का नहीं “होता” 😷🙏
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 21, 2019
बता दें कि सुनवाई के दौरान स्पेशल जज अजय कुमार कुहाड़ ने सीबीआई को चिदंबरम की मेडिकल जांच नियमों के मुताबिक कराने को कहा. कोर्ट ने सीबीआई हिरासत के दौरान पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम के परिवार के सदस्यों और वकीलों को उनसे प्रत्येक दिन आधे घंटे तक मुलाकात की इजाजत दी है. जज ने कहा, ‘साक्ष्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए मेरा मानना है कि पुलिस हिरासत उचित है.’ उन्होंने चिदंबरम को 26 अगस्त तक के लिए सीबीआई की रिमांड में दे दिया. सीबीआई ने चिदंबरम से पूछताछ कर ‘बड़ी साजिश’ का खुलासा करने के लिए उनकी पांच दिनों की हिरासत मांगी थी. विशेष न्यायाधीश ने सीबीआई और चिदंबरम के वकील की जिरह को डेढ़ घंटे से अधिक समय तक सुना.
चिदंबरम को जोरबाग स्थित उनके आवास से बुधवार रात गिरफ्तार किया गया था. चिदंबरम की पत्नी नलिनी, उनके बेटे कार्ति सहित परिवार के अन्य सदस्य भी उनके वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ अदालत कक्ष में मौजूद थे. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी दिलाने में बरती गई कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. यह मंजूरी 2007 में 305 करोड़ रूपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी. इसके बाद, ईडी ने भी 2018 में इस सिलसिले में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया था.