भारी बारिश से हरियाणा और पंजाब पर पड़ी महंगाई की मार, टमाटर 60 से 80 रुपये तो प्याज 35 से 50 रुपये किलो

पंजाब और हरियाणा में भारी बारिश के कारण टमाटर और प्याज के दाम दोगुना होकर 80 रुपये और 50 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गये. इन दो राज्यों के साथ साथ पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है.

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चंडीगढ़: देश के कई हिस्सों में भारी बरसात की वजह से आपूर्ति प्रभावित होने के कारण इस हफ्ते पंजाब और हरियाणा में टमाटर और प्याज के दाम दोगुना होकर 80 रुपये और 50 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गये. व्यापारियों ने यह जानकारी दी है.

 

इन दो राज्यों के साथ साथ पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है. मटर, फूलगोभी और फलियों (बीन्स) जैसी अन्य प्रमुख सब्जियों की कीमतों में भी भारी वृद्धि हुई है. पंजाब, हरियाणा और उनकी राजधानी चंडीगढ़ में प्याज का खुदरा दाम 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.

 

व्यापारियों ने गुरुवार को कहा, “सिर्फ एक हफ्ते पहले, प्याज 20-25 रुपये प्रति किलो बिक रहा था और अब कीमतें दोगुनी हो गई हैं. महाराष्ट्र, जहां से बहुतायत मात्रा में प्याज की आपूर्ति होती है, वहां से देश के उत्तरी भागों में प्याज की आपूर्ति में कमी आई है.” पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में हाल में बाढ़ आई है. इससे सैकड़ों एकड़ फसल वाले खेतों को जलमग्न होते देखा गया.

 

व्यापारियों ने कहा कि टमाटर के दाम 40 रुपये से बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो, मटर 90 रुपये किलो से बढकर 120 रुपये किलो, फूलगोभी 60-70 रुपये से बढ़कर 100 रुपये किलो, फली की कीमत 50 रुपये किलो से बढ़कर 90 रुपये किलो हो गई. उन्होंने कहा कि लौकी पहले 40 रुपये किलो थी जो बढ़कर 50 रुपये किलो हो गई. जबकि गाजर का भाव 40 रुपये से बढ़कर 60 रुपये किलो हो गया. भिंडी की कीमत पहले के 40 रुपये की जगह अब 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई.

नहीं हो रही है आवक

अच्छी क्वालिटी के प्याज की फिलहाल देश की थोक मंडियों में आपूर्ति नहीं हो रही है। मंडियों में इस वक्त दूसरे व तीसरे दर्जे की क्वालिटी वाला प्याज आ रहा है, जिसकी कीमत भी काफी बढ़ गई है। थोक मंडियों में यह प्याज भी 30 से 40 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है।

इन राज्यों में फसल हुई खराब

दक्षिण मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, एवं कर्नाटक में बारिश की वजह से प्याज की फसल प्रभावित हुई है। प्याज की नई फसल की आवक शुरू होने का समय है। प्याज में अगर पानी लग जाए तो फिर यह खराब होने लगता है। लेकिन यह पता नई चल पा रहा है कि फसल कितनी खराब हुई है या नहीं है। सप्लाई में तेजी नहीं आने पर प्याज के दाम अभी बढ़ते रहेंगे। 5-10 दिनों के बाद ही यह कहा जा सकेगा कि आने वाले महीनों में प्याज की क्या स्थिति रहेगी।

इतने बढ़ गई थोक कीमत

प्याज की सबसे बड़ी मंडी महाराष्ट्र के नासिक में स्थित है। लासलगांव मंडी में प्याज के थोक भाव दो अगस्त को 1315 रुपये प्रति क्विंटल था जो 20 अगस्त को 2222 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इस माह के आरंभ में कर्नाटक में जो प्याज 850 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, उसका भाव 1950 रुपये हो गया है।

दिल्ली में इतना रहेगा दाम

दिल्ली एनसीआर में स्थित सफल स्टोर पर 23.50 रुपये की दर से प्याज बेचने का सरकार ने एलान किया है। हालांकि इस प्याज की क्वालिटी कैसी रहेगी, इसके बारे में सरकार ने नहीं बताया है।

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