दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, आसपास के इलाकों में भरा पानी, श्मशान और मंदिर भी डूबे

दिल्ली सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए टेंट तो बनाए हैं, लेकिन लोगों को पीने का पानी और शौचालय जैसी मूल सुविधाएं नहीं मिल रहीं. राज्य सरकार ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं.

 

 

नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना में जलस्तर और बढ़ा गया है. अब यह खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है. यमुना का जल स्तर बढ़कर अब 206.45 हो गया है और आज शाम तक और भी ज्यादा बढ़ सकता है. यमुना बाजार इलाके में आने वाले सभी घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और जल्द से जल्द निचले इलाके के घरों को खाली करवाया गया है. यमुना के पानी से श्मशान घाट और मंदिर तक डूब गए हैं.

 

 

निचले इलाकों के 10 हजार से ज्यादा लोगों को हटाया गया

यमुना में जलस्तर बढ़ने से उत्तर प्रदेश के मथुरा के 175 गांवों में भी बाढ़ के हालात पैदा हो रहे हैं. सोमवार को नदी का जल स्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया था, जिसके बाद सरकारी एजेंसियों ने निचले इलाकों में रहने वाले 10 हजार से ज्यादा लोगों को वहां से हटाया.

 

जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर यमुना नदी पर बने लोहे के पुराने पुल को सड़क और रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. नदी के डूबक्षेत्र में रह रहे लोगों को दिल्ली सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा बनाए गए 22,000 से अधिक तंबुओं में भेजा गया है. साल 1978 में यमुना का जलस्तर अब तक के सर्वाधिक स्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे दिल्ली में भीषण बाढ़ आ गई थी.

 

राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए

 

वहीं, दिल्ली सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए टेंट तो बनाए हैं, लेकिन लोगों को पीने का पानी और शौचालय जैसी मूल सुविधाएं नहीं मिल रहीं. राज्य सरकार ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं. ये हेल्पलाइन नंबर 011-22421656 और 011-21210849 हैं.

 

पानी की चपेट में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई गांव

 

हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी की चपेट में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के भी कई गांव आ गए हैं.  ग्रेटर नोएडा के इलाके में पड़ने वाले गांव तिलवाड़ा घरबरा और मोतीपुर इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. पानी के अचानक बढ़ने से तिलवाड़ा गांव के 20 से 30 लोग नदी के दूसरे छोर पर फंस गए.

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