निर्मला सीतारमण का बयान- कंपनियों के लिये कारपोरेट कर की दर को धीरे-धीरे कम किया जाएगा
वित्त मंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि इस साल के बजट का मुख्य विषय रहन-सहन को आसान बनाना है और इसी विचार को ध्यान में रखते हुए हर नीति और योजना तैयार की गयी है.
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि 400 करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिये कारपोरेट कर की दर धीरे-धीरे घटाकर 25 प्रतिशत की जाएगी.
उन्होंने यह भी कहा कि संपत्ति सृजित करने वालों को सरकार हर प्रकार की मदद देगी. सीतारमण ने पिछले महीने 2019-20 के अपने पहले बजट में 400 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिये कारपोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया था.
इससे पहले, पिछले साल तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 250 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के कारपोरेट कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत किया था.
वित्त मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि इस साल के बजट का मुख्य विषय रहन-सहन को आसान बनाना है और इसी विचार को ध्यान में रखते हुए हर नीति और योजना तैयार की गयी है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि भारतीय उद्यमी संपत्ति, सृजित और रोजगार पैदा करने वाले हैं. हमें उन पर गर्व है और हम उनकी मदद करते रहेंगे. सरकार का हर प्रयास उन्हें प्रोत्साहन, उन्हें समझने और उसके काम को आसान बनाने के लिये होगा.’’
वित्त मंत्री ने कहा कि इसी भावना के साथ कई योजनाओं की घोषणा की गयी है और यही कारण है कि कंपनी कर को नीचे लाया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘केवल 0.7 प्रतिशत बचे हुए हैं. उम्मीद है कि इनके लिये भी धीरे-धीरे हम कंपनी कर को 25 प्रतिशत के स्तर पर लाने में सक्षम होंगे।’’
हालांकि, उन्होंने कटौती की समयसीमा के बारे में कुछ नहीं कहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधन को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि संपत्ति सृजित करने वाले उद्यमियों को हर प्रकार की मदद दी जाएगी.
मोदी ने 15 अगस्त को राष्ट्र के नाम संबोधन में संपत्ति सृजन करने वालों की सराहना की और कहा कि उन्हें संदेह की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए. कर प्रशासन के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि कर प्रशासक सुविधा प्रदाता होंगे और जो लोग कर देते हैं, उनके साथ सोच-समझकर व्यवहार किया जाएगा.