कश्मीर में माहौल खराब करने के लिए शेहला रशीद के दावे को सेना ने बताया गलत, गिरफ्तारी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाह भी फैलाई जा रही हैं. जम्मू-कश्मीर पीपल मूवमेंट की नेता शेहला रशीद के ट्विटर पर शेयर की गई कुछ जानकारियों को भारतीय सेना ने अफवाह बताया है. जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग उठने लगी है.

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में इस समय क्या चल रहा है और वहां के हालात कैसे हैं, इन सवालों का जवाब जानने के लिए कई लोग उत्सुक हैं. सरकार और सेना की तरफ से कहा जा रहा है कि घाटी में शांति है और धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य हो रहा है. इस बीच सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाह भी फैलाई जा रही हैं. जम्मू-कश्मीर पीपल मूवमेंट की नेता शेहला रशीद की तरफ से ट्विटर पर शेयर की गई कुछ जानकारियों को भारतीय सेना ने अफवाह बताया है. जिसके बाद अब उनकी गिरफ्तारी की मांग उठने लगी है.

 

सुप्रीम कोर्ट के वकील आलोक श्रीवास्तव ने शेहला रशीद के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया है. उन्होंने मांग की है कि शेहला रशीद भारत सरकार और भारतीय सेना के खिलाफ गलत खबरें फैला रही हैं, इसलिए उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए.

आपको बता दें कि 18 अगस्त यानी रविवार को शेहला रशीद ने जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर लगातार कई ट्वीट किए थे. इस दौरान उन्होंने घाटी के हालात को लेकर कुछ दावे किए जिन्हें सेना की तरफ से नकार दिया गया.

शेहला रशीद ने दावा किया कि भारतीय सेना घाटी में जबरन लोगों के घरों में घुस रही है और बच्चों को उठा रही है. इसके अलावा सेना के जवान घर में जबरन राशन फैला रहे हैं और घरों में घुस लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. शेहला रशीद ने इसके अलावा भी अपने ट्वीट में कई तरह के दावे किए.

हालांकि, उनके ट्वीट के कुछ देर बाद ही भारतीय सेना ने इन आरोपों का जवाब भी दिया. भारतीय सेना की तरफ से अपने जवाब में कहा गया है कि शेहला रशीद के द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं, वह पूरी तरह से निराधार हैं. इस तरह से गैरजिम्मेदाराना और गलत खबरें सिर्फ और सिर्फ लोगों को भड़काने के लिए फैलाई जा रही हैं.

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बीते काफी दिनों से धारा 144 लागू है और मोबाइल फोन की सुविधा भी बंद है. यही कारण है कि लोगों को काफी परेशानी हो रही है. हालांकि, सोमवार से घाटी में स्कूल खुले हैं और धीरे-धीरे लैंडलाइन की सुविधा भी शुरू की जा रही है. हालांकि, अभी इंटरनेट की सुविधा शुरू नहीं की गई है.

गौरतलब है कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले अकाउंट्स को ट्विटर-फेसबुक के द्वारा बंद करवा दिया गया था. भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन अकाउंट्स के खिलाफ शिकायत की थी.

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