अनुच्छेद 370 : श्रीनगर में ढील मिलते ही उपद्रवी हिंसा पर उतरे तो फिर से लागू कर दी गई पाबंदी

14वें दिन श्रीनगर में अघोषित कर्फ्यू पाबंदियों में दी गई ढील में जम कर हिंसा हुई। करीब 12 स्‍थानों पर हुई हिंसा में दो दर्जन के करीब प्रदर्शनकारी उस समय जख्‍मी हो गए जब सुरक्षाबलों ने उन पर पैलेट गन से गोलियां दागीं।

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श्रीनगर. 14वें दिन श्रीनगर में अघोषित कर्फ्यू पाबंदियों में दी गई ढील में उपद्रवी  हिंसा पर उतर आए । करीब 12 स्‍थानों पर हुई हिंसा में दो दर्जन के करीब प्रदर्शनकारी उस समय जख्‍मी हो गए जब सुरक्षाबलों ने उन पर पैलेट गन से गोलियां दागीं। कश्मीर के श्रीनगर में एक दिन पहले हिंसा की घटनाओं के बाद रविवार को कुछ इलाकों में पाबंदियां कड़ी कर दी गईं। अधिकारियों का कहना है कि  हर जगह पर प्रदर्शन कर हिंसा पर उतरने वाले लोगों की तादाद 10 से 15 है लेकिन वह पूरी घाटी का माहौल खराब करने पर उतारु है। फिलहाल प्रशासन ने  ऐसे तत्वो की पहचान करने व लगाम कसने की मुहिम भी शुरु की है।

सऊदी अरब से हज तीर्थयात्रियों का पहला बैच कश्मीर लौट आया, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि सऊदी अरब से हज तीर्थयात्रियों का पहला बैच कश्मीर लौट आया है। उन्होंने बताया कि रविवार को 14वें दिन घाटी के कई हिस्सों में पाबंदियां जारी हैं। अधिकारियों ने बताया कि उन इलाकों में फिर से पाबंदियां लगा दी गई हैं जहां शनिवार को हालात बिगड़ गए। शहर में कई स्थानों पर और घाटी में अन्य जगहों पर पाबंदियों में ढील दी गई थी जिसके बाद परेशानी पैदा हो गई थी।

 

उन्होंने बताया कि करीब 12 स्थानों पर प्रदर्शन हुए जिसमें दो दर्जन से अधिक प्रदर्शनकारी जख्मी हो गए। अधिकारियों ने बताया कि करीब 300 तीर्थयात्रियों के साथ आ रहे विमान सुबह श्रीनगर हवाईअड्डे पहुंचे।

उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुचारू आवाजाही के लिए व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि हाजियों का स्वागत करने के लिए हवाईअड्डे पर परिवार के केवल एक सदस्य को अनुमति दी गई है। हाजियों और उनके रिश्तेदारों की आवाजाही के लिए सभी जिला प्रशासनों के समन्वय के साथ राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण (एसआरटीसी) की बसों को तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों को तीर्थयात्रियों और उनके रिश्तेदारों को उन इलाकों से गुजरने देने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए है जहां पाबंदियां लागू हैं।

 

असल परीक्षा कल जब कश्मीर में स्कूल खोले जाएंगे, जम्मू में 5 -जिलों में बंद हुआ इंटनेट

 

आज सुबह एक बार फिर से जम्मू में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। धारा 370 के हटने के बाद से ही जम्मू के कई जिलों में कर्फ्यू के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी लेकिन शुक्रवार को थोड़ी रियायत देते हुए जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया था। जिसे आज सुबह अचानक फिर से सरकार ने इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है।

जम्मू में इंटरनेट को 24 घंटों के भीतर ही फिर से बंद कर दिए जाने के बाद कश्मीर में मोबाइल सेवा तथा इंटरनेट आरंभ होने की उम्मीद खत्म हो गई हैै। जबकि अधिकारी कल कश्मीर के हालात को थामने की तैयारी में जुटे हैं जब कश्मीर के कुछ जिलों में स्कूलों को खोलने की तैयारी हो रही है।

धारा 370 हटाए जाने के बाद से संगीनों के साए में ब्लैकआउट से जूझ रही कश्मीर वादी में करीब 50 हजार लैंडलाइदन फोन चालू करने का दावा किया जा रहा है पर उनमें से आधे खराब हालत में हैं और उनको ठीक करने वाला कोई नहीं है। जम्मू कश्मीर में कुल सवा लाख लैंड लाइन फोन हैं। जबकि मोबाइल कनेक्शनों की संख्या सवा करोड़ के लगभग है। ब्लैकआउट के बीच सरकार कल से करीब 200 स्कूलों को खोलने जा रही है पर बच्चों के अभिभावकों की परेशानी यह है कि संगीनों के साए में, अघोषित कर्फ्यू के बीच और संचार माध्यमों के ब्लैकआउट से जूझ रही कश्मीर वादी में वे अपने बच्चों को कैसे स्कूल भेजें।

केन्द्र सरकार के जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधान हटाने के बाद पांच अगस्त से ही यहां मोबाइल फोन और लैंडलाइन सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं। जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा था कि आतंकी संगठनों द्वारा मोबाइल कनेक्टिविटी का इस्तेमाल कर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के खतरे को ध्यान में रखते हुए चरणबद्ध तरीके से धीरे- धीरे दूरसंचार सेवाएं बहाल की जाएंगी।

एहतियाती नजरबंदी की लगातार समीक्षा की जा रही है और काननू-व्यवस्था की स्थिति के आकलन के आधार पर उचित निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पिछले एक पखवाड़े में लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए, सीमा पार के आतंकवाद को रोकने के लिए सरकार को एहतियाती तौर पर कुछ सुरक्षात्मक कदम उठाने की आवश्यकता थी।

मुख्य सचिव ने बताया कि आतंकी संगठनों के निकट भविष्य में राज्य में हमला करने की योजना बनाने की विश्वसनीय जानकारी के आधार पर ये कदम उठाए गए थे। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और शांति भंग ना हो यह ध्यान रखते हुए कानून के प्रावधानों के तहत कुछ लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया। पहले भी हिंसात्मक घटनाओं के बाद ऐसे कदम उठाए गए हैं। इस बीच, जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों में कम गति की (2जी) मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी शुक्रवार देर रात को बहाल कर दी गईं जिसे अब फिर से बंद कर दिया गया है।

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